
उत्तर प्रदेश का विधानसभा सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है. 22 अगस्त से शुरू होने वाला ये सत्र 30 अगस्त तक चलेगा. ये सत्र छोटा जरूर है लेकिन इसमें जीएसटी बिल पास करने से लेकर पूर्व मुख्यमंत्रियों के बंगलों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले की मार से बचाने के लिए कानून बनाने की तैयारी सरकार कर चुकी है.
हो सकता है कि राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले का ये आखिरी सत्र हो. लेकिन सोमवार को जब विधानसभा की कार्यवाही शुरू होगी तो सदन के भीतर का नजारा पिछले चार सालों के मुकाबले बहुत कुछ बदला हुआ होगा. सबकी नजर इस बात पर भी होगी कि चुनावी मौसम में दल बदल करने वाले कहां बैठते हैं और उनके तेवर क्या होते हैं.
ये नेता बदल चुके हैं पार्टी
पिछले सत्र तक नेता प्रतिपक्ष और मायावती के भरोसेमंद सिपाही अब मायावती के खिलाफ बोलते नजर आएंगे. वो बीसएपी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम चुके हैं. स्वामी प्रसाद मौर्य के अलावा बीएसपी से विधायक बाला
प्रसाद अवस्थी और राजेश त्रिपाठी भी बीजेपी में शामिल हो चुके हैं और सदन में बीजेपी नेताओं के साथ बैठे नजर आएंगे.
इसी तरह कांग्रेस के विधायक संजय प्रताप जयसवाल, विजय कुमार दुबे और माधुरी वर्मा भी अब बीजेपी में शामिल हो चुके हैं और बीजेपी विधायकों के साथ बैठे नजर आएंगे. शेर बहादुर समाजवादी पार्टी छोडकर बीजेपी में आएं हैं और अब सदन में सरकार के खिलाफ बोलते दिखेंगे.
इन मुद्दों पर सरकार को घेरेगा विपक्ष
क्रॉस वोटिंग के लिए कांग्रेस से निष्कासित तीन विधायक दिलनवाज खान, काजिम अली और मोहम्मद मुस्लिम अब बीएसपी के खेमे में दिखेंगे. यूपी विधानसभा के इस सत्र का मुख्य मकसद तो ये है कि अखिलेश
सरकार को अनुपूरक बजट पास कराना है. लेकिन चुनाव सिर पर हैं और विपक्षी पार्टियां दंगों, मथुरा से लेकर, कानून व्यवस्था और अधूरे वायदों को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी कर चुकी हैं.