
अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुस्लिम धर्मगुरु और उलेमाओं से मुलाकात किए. कोर्ट के फैसले के बाद मुस्लिम धर्मगुरुओं और उलेमाओं के साथ सीएम योगी की यह पहली मुलाकात है. अल्पसंख्यक मंत्री मोहसिन रजा बैठक में शामिल हुए. सरकार लगातार कोशिश कर रही है कि फैसले से हिंदू-मुसलमानों के बीच की दूरी ना बढ़े. उत्तर प्रदेश के कई इलाके संवेदनशील हैं.
इससे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के आवास पर कई धर्मगुरुओं के नेताओं की बैठक हुई. इस बैठक में हिंदू पक्ष की ओर से बाबा रामदेव, स्वामी परमात्मानंद, अवधेशानंद गिरी मौजूद थे. जबकि मुस्लिम पक्ष की ओर से जमीयत-ए-उलेमा हिंद के चीफ महमूद मदनी, शिया धर्मगुरु कल्बे जव्वाद शामिल रहे. इनके अलावा कई दूसरे धर्मों के प्रतिनिधि भी यहां मौजूद रहे.
फैसले से पहले भी मोहसिन रजा ने की थी मुलाकात
बता दें कि अयोध्या पर फैसले से पहले मोहसिन रजा ने मुस्लिम धर्मगुरुओं और समुदाय के बड़े नेताओं के घर-घर जाकर मुलाकात की थी. इस दौरान सभी मौलानाओं ने कहा कि अयोध्या प्रकरण पर सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा उसे हम मानेंगे. उन्होंने कहा कि हमारी अपनी कौम के अलावा समाज के अन्य लोगों से भी अपील है कि फैसले के बाद वे किसी भी प्रकार का उत्तेजक व्यवहार न करें और न ही कोई विवादित नारा दें.
मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा कि सरकार ने शांति व्यवस्था के लिए मोहसिन रजा ने जिन मौलानाओं से मुलाकात की है उनमें शियाधर्म गुरु मौलाना कल्बे जव्वाद, सुन्नी धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली, मौलाना सलमान हुसैन नदवी, शाहमीना शाह के ट्रस्टी मौलाना राशिद अली मीनाई और शियाधर्म गुरु मौलाना हमीदुल हशन के नाम प्रमुख हैं.