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सीएम योगी 5 दिन तक गोरखनाथ मंदिर से चलाएंगे सरकार

गोरखपुर मंदिर प्रबंधन के मुताबिक सीएम योगी बुधवार सुबह तक गोरखपुर में रहेंगे. वो नवरात्र की सप्तमी, अष्टमी और नवमी के दिन पूजन करने के बाद दशहरे के परंपरागत विजय जुलूस की बतौर गोरक्षपीठाधीश्वर अगुवाई करेंगे. इसके बाद वो 9 अक्टूबर की सुबह लखनऊ के लिए रवाना होंगे.

सीएम योगी आदित्यनाथ (Courtesy- Twitter) सीएम योगी आदित्यनाथ (Courtesy- Twitter)
aajtak.in
  • गोरखपुर,
  • 06 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 12:32 AM IST

  • 9 अक्टूबर को गोरखपुर से लखनऊ के लिए रवाना होंगे योगी
  • गोरखपुर में नवमी को कन्या पूजन करेंगे मुख्यमंत्री योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सूबे की सरकार को अगले पांच दिनों तक गोरखनाथ मंदिर से चलाएंगे. योगी यूपी के मुख्यमंत्री के साथ ही गोरखनाथ मंदिर के पीठाधीश्वर भी हैं. मंगलवार तक वो गोरखनाथ मंदिर के पीठाधीश्वर की भूमिका में नजर आएंगे.

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समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक गोरखपुर मंदिर प्रबंधन के मुताबिक सीएम योगी बुधवार सुबह तक गोरखपुर में रहेंगे. वो नवरात्र की सप्तमी, अष्टमी और नवमी के दिन पूजन करने के बाद दशहरे के परंपरागत विजय जुलूस की बतौर गोरक्षपीठाधीश्वर अगुवाई करेंगे. इसके बाद वो 9 अक्टूबर की सुबह लखनऊ के लिए रवाना होंगे.

इससे पहले शनिवार को मुख्यमंत्री योगी एयरपोर्ट से सीधे चंपा देवी पार्क पहुंचे और मोरारी बापू की रामकथा के शुभारंभ कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. इसके बाद उन्होंने गोरखनाथ मंदिर में पूरे विधि-विधान से महानिशा पूजन किया. योगी आदित्यनाथ सोमवार यानी नवमी को अपने आवास में कन्या पूजन करेंगे. वो कन्याओं के पांव पखारकर उनको अपने हाथों से भोजन कराएंगे.

नवरात्र समाप्त होने के बाद योगी विजयदशमी के दिन श्रीनाथजी की पूजा-अर्चना करेंगे और विजय जुलूस की अगुवाई करेंगे. यह जुलूस परंपरागत ढंग से मानसरोवर रामलीला मैदान पहुंचेगा, जहां योगी भगवान श्रीराम का तिलक करेंगे. विजयदशमी को शाम सात बजे सहभोज कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा. इसके बाद बुधवार सुबह सीएम योगी लखनऊ के लिए रवाना हो जाएंगे.

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आपको बता दें कि गोरखनाथ मंदिर में शारदीय नवरात्र भव्य रूप में मनाया जाता है. नवरात्र में सीएम योगी 9 दिन तक व्रत रखकर पूजा-अर्चना करते हैं. परंपरा के मुताबिक गोरक्ष पीठाधीश्वर को कलश स्थापना के बाद पूरे नवरात्र अपने आवास में ही रहना होता है. हालांकि मुख्यमंत्री पद के दायित्व को देखते हुए योगी आदित्यनाथ के लिए ऐसा संभव नहीं, लेकिन वो जब तक मंदिर में रहेंगे, तब तक वहां से बाहर नहीं निकलेंगे.

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