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बाढ़ पर योगी सरकार का फरमान, हर जिला मुख्यालय पर खोले जाएंगे 24x7 कंट्रोल रूम

आपदा में हताहत लोगों को 12 घंटे में मुआवजा और राहत कैंप पूरी तरह से स्वच्छ रखने का आदेश दिया गया है. यूपी की गंगा, यमुना, चंबल, बेतवा, केन और घाघरा नदियां उफान पर हैं.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (IANS) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (IANS)
कुमार अभिषेक
  • लखनऊ,
  • 19 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 9:56 AM IST

  • कई नदियों का जलस्तर बढ़ने से लोगों ने घर छोड़कर पलायन शुरू कर दिया है
  • प्रयाग, वाराणसी, गोंडा, अयोध्या, बलिया और मिर्जापुर में बाढ़ का ज्यादा असर

उत्तर प्रदेश के कई जिले बाढ़ की चपेट में हैं. इस बीच योगी सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखा है. सभी मुख्यालयों पर चौबीस घंटे कंट्रोल रूम खोलने के साथ ही बाढ़ प्रभावित लोगों को युद्ध स्तर पर सुविधाएं मुहैया कराने का निर्देश दिया गया है. आपदा में हताहत लोगों को 12 घंटे में मुआवजा और राहत कैंप पूरी तरह से स्वच्छ रखने का आदेश भी दिया गया है. यूपी की गंगा, यमुना, चंबल, बेतवा, केन और घाघरा नदियां उफान पर हैं.

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कई नदियों का जलस्तर बढ़ने के कारण तटवर्ती क्षेत्रों के लोगों ने घर छोड़कर पलायन शुरू कर दिया है. बाढ़ का असर खासकर प्रयाग, वाराणसी, गोंडा, अयोध्या, बलिया और मिर्जापुर में देखने को मिल रहा है. यहां पर जलस्तर बढ़ने के कारण लोग पलायन के लिए मजबूर हो रहे हैं.

प्रयाग में गंगा-यमुना का जलस्तर तेजी से खतरे की निशान की ओर बढ़ रहा है. दोनों नदियों के रौद्र रूप पकड़ने से निचले इलाकों में हड़कंप मच गया. दो दर्जन से ज्यादा मोहल्ले और 50 के करीब गांव बाढ़ की चपेट में हैं. हजारों की संख्या में लोग पलायन कर गए. कुछ बेघर हुए लोग राहत शिविरों में पहुंचने लगे हैं.

बाढ़ राहत आपदा कार्यालय के पदाधिकारियों ने बताया कि जिन जिलों में नदियों का जलस्तर बढ़ा है, वहां की बाढ़ चौकियों को अलर्ट किया गया है. राहत बचाव के लिए वहां पर जिला प्रशासन को तेजी लाने के लिए कहा गया है. एनडीआरएफ की टीम को भी सक्रिय रहने को कहा गया है.(एजेंसी से इनपुट)

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