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ना कोई टैक्स, ना कोई कर्ज, ये हैं योगी सरकार के पहले बजट की खास बातें

बजट पेश करने के बाद योगी ने राज्य के बजट को गांव, गरीब और किसानों को समर्पित बताया. उन्होंने कहा कि यह बजट अगले पांच वर्षों का विजन बजट है, जिसमें डिजिटल इंडिया पर जोर दिया गया है.

योगी सरकार का पहला बजट योगी सरकार का पहला बजट
कुमार अभिषेक/सुरभि गुप्ता
  • लखनऊ,
  • 11 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 9:16 PM IST

मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही योगी आदित्यनाथ प्रेस कॉन्फ्रेंस से बचते रहे हैं, जब भी प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की नौबत आई तो अपनी बात कहकर चले जाते, लेकिन मंगलवार कुछ खास था जब अपनी सरकार का बजट पेश करने के बाद आत्मविश्वास से लबरेज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ना सिर्फ प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया बल्कि तमाम सवालों के जवाब देने को भी आतुर दिखे. सीएम योगी ने बताया कि यूपी के विकास दर को 10 फीसदी करना है.

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यूपी में योगी का पहला बजट

योगी सरकार ने मंगलवार को अपना पहला बजट विधानसभा में पेश किया. सीएम योगी ने 3,84,659.71 करोड़ का बजट पेश किया, जो पिछले बजट से 10.9 फीसदी ज्यादा है. खास बात यह रही कि इस बजट में ना तो कोई नया टैक्स जनता पर लादा गया है ना कोई कर्ज की गुंजाइश रखी गई है. सरकार ने किसानों के कर्ज माफी के लिए 36 हजार करोड़ का प्रावधान भी सीधे बजट में कर दिया है. सरकार का दावा है कि वह कर्ज माफी के पैसे मांग के नहीं बल्कि फिजूलखर्ची रोककर जुटाएगी.

अल्पसंख्यकों पर ज्यादा खर्च

जिस अन्नपूर्णा योजना की चर्चा सरकार में चल रही थी, जिसमें पांच रुपये में गरीबों के लिए भोजन की व्यवस्था करनी थी, वह इस बजट से नदारद रहा. योगी सरकार अल्पसंख्यकों के वजीफे पर भी ज्यादा खर्च करेगी. अब योजना में उनके लिए 941 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है जो अखिलेश सरकार से ज्यादा है.

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बजट में शिक्षा पर दिया गया जोर

योगी सरकार के बजट में सबसे ज्यादा जोर शिक्षा पर है. इसलिए PWD के बाद सबसे ज्यादा पैसा 66, 599 करोड़ रुपये शिक्षा पर खर्च किए जाएंगे. इस बजट में अयोध्या में रामायण सर्किट, मथुरा में कृष्ण सर्किट और वाराणसी में बुद्ध सर्किट के साथ-साथ नेताजी सुभाषचंद्र बोस के तौर जाने जाने वाले फैजाबाद के गुमनामी बाबा के दस्तावेजों को भी डिजिटल करने और धरोहर के रूप में संरक्षित करने की योजना है.

बजट की ये हैं खास बातें

बजट पेश करने के बाद योगी ने राज्य के बजट को गांव, गरीब और किसानों को समर्पित बताया. उन्होंने कहा कि यह बजट अगले पांच वर्षों का विजन बजट है, जिसमें डिजिटल इंडिया पर जोर दिया गया है.  इसमें नए शहरों के लिए मेट्रो का प्रावधान है. सामूहिक विवाह योजना के लिए 250 करोड़ रुपये रखे गए हैं. अर्ध कुंभ के लिए 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है. विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों में वाईफाई के लिए 50 करोड़ रुपये रखे गए हैं.

नोएडा में होगा मेट्रो रेल का विस्तार

यूपी सड़क विकास निगम के लिए 50 करोड़ रुपये दिए जाएंगे. प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए 3 हजार करोड़ रुपये प्रस्तावित है. दीनदयाल उपाध्याय सोलर स्ट्रीट लाइट योजना के लिए 30 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है. दीनदयाल उपाध्याय नगर विकास योजना के लिए 300 करोड़ रुपये का बजट में प्रावधान किया गया है. बुंदेलखंड-दिल्ली एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा, नोएडा में मेट्रो रेल का विस्तार होगा. तीर्थस्थलों पर नए बस स्टेशन बनाए जाएंगे. औद्योगिक प्रोत्साहन नीति के लिए 20 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए गए हैं.

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अहिल्याबाई निशुल्क शिक्षा योजना

यूपी में अहिल्याबाई निशुल्क शिक्षा योजना की शुरुआत होगी, निशुल्क स्कूल बैग के लिए 100 करोड़ और निशुल्क यूनिफॉर्म के लिए 123 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए गए हैं. सरकार छात्रों को जूता, मोजा और स्वेटर भी मुफ्त देगी.

 

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