
प्रदेश में 21-22 फरवरी को इन्वेस्टर्स मीट होनी है. पूरा शहर इस आयोजन के लिए सजधज कर तैयार है. बड़ी-बड़ी चमचमाती होर्डिंग्स इस आयोजन को त्यौहार में बदलती सी दिखाई दे रही है. ऐसा नहीं है कि शहर की साज-सज्जा ही की गई बल्कि राज्य सरकार ने निवेश को आकर्षित करने के लिए कुछ कदम भी उठाए हैं-
प्रोत्साहन बोर्डः मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड का गठन किया गया है. प्रतिष्ठित उद्योगपतियों की सदस्यता वाला यह बोर्ड औद्योगिक परियोजनाओं की स्थापना में अहम भूमिका निभाएगा.
सिंगल विंडोः औद्योगिक क्षेत्र में निवेशकों को रजिस्ट्रेशन, अनापत्ति प्रमाणपत्र, लाइसेंस जैसी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय की निगरानी में सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम
की शुरुआत की जाएगी.
आसान सीलिंगः औद्योगिक निवेश के लिए जमीन आसानी से उपलब्ध हो, इसके लिए सीलिंग के प्रावधानों को आसान किया गया है. अब 100 एकड़ तक की जमीन खरीदने पर ही शासन से अनुमति लेनी होगी.
कांट्रैक्ट फार्मिंगः सरकार ने राजस्व संहिता में संशोधन कर किसी भी भूमिधर को कॉन्ट्रैक्ट पर उद्यमियों को भूमि देने की व्यवस्था की है.
इससे बुंदेलखंड जैसे क्षेत्रों में खेती में उपयोग न हो रही जमीन उद्योगों
के लिए उपलब्ध होगी.
भूमि उपयोगः किसानों की कृषि योग्य भूमि को गैर कृषि कार्य में प्रयोग करने के लिए भूउपयोग में बदलाव की टेंटटिव अनुमति की व्यवस्था सरकार ने की है. इससे उद्योगों के लिए कृषि भूमि आसानी से उपलब्ध होगी.
विकास अनुदानः औद्योगिक क्षेत्र के आवंटी मिलकर विकास के लिए जितनी रकम इकट्ठा करेंगे, उतनी ही राशि राज्य सरकार भी बतौर अनुदान देगी. इसके लिए स्पेशल परपज व्हीकल (एसपीवी) का गठन किया गया है.
समस्या समाधानः यूपी मूल के प्रवासी भारतीयों की समस्याओं के समाधान के लिए एक नया पोर्टल शुरू किया गया है. यह केंद्र के
'मदद' पोर्टल से हाइपरलिंक है. इसमें ऑनलाइन शिकायत और
उसे ट्रैक करने की सुविधा है.
प्रोजेक्ट मॉनिटरिंगः निवेश करने वाले उद्यमियों की सहायता के लिए अलग-अलग स्तर के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई है. ये प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग करने के साथ इसमें आ रही दिक्कतों को दूर कराएंगे.
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