
उत्तर प्रदेश में शुक्रवार की सुबह एक दर्दनाक घटना के साथ हुई. कानपुर में बीती शाम से जारी बदमाशों के साथ एनकाउंटर में यूपी पुलिस के 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए. इसके अलावा कुछ पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं. यूपी में योगी राज में पुलिस पर हुए हमलों में ये अबतक की सबसे बड़ी घटनाओं में से एक है.
बता दें कि 2017 में योगी सरकार बनने के बाद से ही प्रदेश में एनकाउंटर की संख्या बढ़ गई थी और बदमाशों को सीधे चेतावनी दी गई थी. इसी दौरान कई बार ऐसी घटनाएं भी हुईं, जहां पर पुलिस पर हमला किया गया या फिर भीड़ ने पुलिस को घेर लिया.
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बुलंदशहर हिंसा में हुई थी पुलिसवाले की मौत
साल 2018 में उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में गोकशी की खबर को लेकर हड़कंप मच गया. जिसके बाद इलाके में भारी हिंसा हुई. इस दौरान इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की गोली लगने से मौत हो गई थी. जब गोकशी की खबर सुनकर भीड़ बेकाबू हुई तो सुबोध कुमार लोगों को समझाने गए थे, लेकिन इस दौरान गोली चली और वो शहीद हो गए. बुलंदशहर हिंसा में एक पुलिसकर्मी समेत दो लोगों की मौत हुई थी.
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बुलंदशहर में ही हुआ था पुलिस पर हमला
इसके अलावा मार्च 2019 में भी पुलिस पर बुलंदशहर में हमले की खबर सामने आई थी. यहां पुलिस गैंगस्टर एक्ट में नामित दो बदमाशों को पकड़ने गई थी, लेकिन जब गांव में घुसी तो गांव वालों ने उनपर अटैक कर दिया. इस घटना में करीब आधा दर्जन पुलिसकर्मी घायल हुए थे. घटना बुलंदशहर के ताजपुर गांव की थी.
मथुरा का जवाहर बाग कांड
मथुरा में 2016 में जवाहर बाग कांड हुआ था, जिसमें कब्जाई हुई जमीन को छुड़ाने पहुंची पुलिस के साथ मुठभेड़ हो गई थी. इसमें पुलिस उपाधीक्षक मुकुल द्विवेदी की मृत्यु हुई थी. मथुरा के जवाहर बाग में रामवृक्ष यादव और उसके समर्थकों ने करीब दो साल तक कब्जा जमाए रखा, जमीन खाली करवाने पहुंची पुलिस और समर्थकों के बीच काफी हिंसा हुई थी. इसमें कुल दो पुलिसकर्मी शहीद हुए थे.
मथुरा में लॉकडाउन में पुलिस पर हमला
बीते कई महीनों से लॉकडाउन की स्थिति बनी हुई है और इसी बीच उत्तर प्रदेश के मथुरा में पुलिस पर हमला हुआ था. मार्च महीने में यहां पुलिस लॉकडाउन के दौरान जुआ खेल रहे कुछ लोगों को रोकने गई तो वहां मौजूद भीड़ ने पुलिस पर ही धावा बोल दिया.
ग्रामीणों ने पुलिस पर लाठी-डंडों और पत्थर से हमला किया, जिसके बाद लॉकडाउन तोड़ने के आरोप में कई ग्रामीणों पर एक्शन भी लिया गया.
प्रतापगढ़ में मामला सुलझाने पहुंची पुलिस टीम पर हमला
मई के महीने में प्रतापगढ़ दो गांव धूई और गोविंदपुर में कुछ ग्रामीणों के बीच मवेशी को लेकर विवाद हो गया था. विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों गांवों के लोग आमने-सामने आ गए. मामला बढ़ने पर स्थानीय पुलिस मसले को सुलझाने पहुंची.
लेकिन इस दौरान लोगों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, घटना में चार-पांच पुलिसकर्मियों को चोट आई थी. बाद में पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा.