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बुलंदशहर गैंगरेप केस: वाह री यूपी पुलिस! ऐसे तो हो चुका क्राइम कंट्रोल

यूपी के बुलंदशहर से महज डेढ़ किमी के फासले पर मां-बेटी के साथ हुई गैंगरेप की वारदात जिन हालात में हुई और इसके बाद पुलिस ने जिस तरीके से तफ्तीश की है, उसे देख कर कहना ही पड़ता है- वाह री यूपी पुलिस!!! क्या आप यकीन करेंगे कि वारदात के बाद पीड़ित परिवार मौके से पूरे 20 मिनट तक पुलिस को कॉल करता रहा, लेकिन कंट्रोल रूम का नंबर लगातार बिजी आता रहा. इसके बाद जब किसी तरह पुलिस से बात भी हुई, तो भी उनको पहुंचने में 20 मिनट लग गए.

मां-बेटी के साथ हुई गैंगरेप की वारदात मां-बेटी के साथ हुई गैंगरेप की वारदात
मुकेश कुमार
  • नई दिल्ली,
  • 01 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 3:58 PM IST

यूपी के बुलंदशहर से महज डेढ़ किमी के फासले पर मां-बेटी के साथ हुई गैंगरेप की वारदात जिन हालात में हुई और इसके बाद पुलिस ने जिस तरीके से तफ्तीश की है, उसे देख कर कहना ही पड़ता है- वाह री यूपी पुलिस!!! क्या आप यकीन करेंगे कि वारदात के बाद पीड़ित परिवार मौके से पूरे 20 मिनट तक पुलिस को कॉल करता रहा, लेकिन कंट्रोल रूम का नंबर लगातार बिजी आता रहा. इसके बाद जब किसी तरह पुलिस से बात भी हुई, तो भी उनको पहुंचने में 20 मिनट लग गए.

इस वारदात के बाद सूबे के आला पुलिस अधिकारी मौका-ए-वारदात पर पहुंचे. पुलिस और फोरेंसिक की टीम पहुंची, लेकिन 36 घंटे बाद भी पीड़ितों का सामान बरामद होने में पुलिस की बड़ी लापरवाही दिखाई देती है. आजतक की टीम ने जब मौके का दौरा किया तो वहां से एक सोने की चेन और एक महिला का पर्स खेत में मिला. ये सामान पुलिस को पहले ही बरामद कर लेना चाहिए था, लेकिन घटनास्थल पर से ये सामान पुलिस द्वारा बरामद नहीं हो पाना जांच की सच्चाई खोलता है.

पीड़ित परिवार की मां-बेटी से गैंगरेप और डकैती की घटना का पता चलने के बाद सबसे पहले कोतवाली देहात पुलिस ने घटना स्थल का जायजा लिया. इसके बाद सीओ सिटी, एसपी सिटी और कई आलाधिकारियों ने जायजा लिया. नोएडा एसटीएफ ने भी मौका का निरीक्षण किया था. पुलिस की फोरेंसिक टीम भी पहुंची थी. लेकिन किसी की भी नजर सोने की चेन और महिला के पर्स पर नहीं पड़ी. मौके से एक मोजा भी मिला था. फिलहाल पुलिस सही तरह से जांच करने की बात कह रही है.

पीड़ित परिवार की मानें तो इस वारदात के दौरान उनके साथ इतनी ज़्यादती हुई कि उन्हें संभलने में ही वक्त लग गया. इसके बावजूद जब उन्होंने किसी तरह अपने बंधे हाथ-पांव खोल कर मोबाइल फोन से 100 नंबर पर कॉल किया, तो पूरे 20 मिनट तक 100 नंबर बिजी आता रहा. इतनी भयानक शारीरिक और मानसिक त्रासदी से गुजरने के बाद इस परिवार पर एक-एक मिनट भारी पड़ रहा था. आखिरकार थक-हार कर पीड़ितों ने किसी तरह नोएडा में अपने एक दोस्त को फोन कर उनसे मदद मांगी.

इसके बाद उन्हें बुलंदशहर के कंट्रोल रूम का दूसरा नंबर मिला और वहां से पुलिस कप्तान का. किसी तरह उन्होंने पुलिस कप्तान से बात कर अपनी हालत बयान की, लेकिन इसके बाद उन्हें और 20 मिनट तक इंतजार करना पड़ा, तब जाकर पुलिस को दो गाड़ियां उनकी मदद के लिए मौका-ए-वारदात पर पहुंची. इसे काहिली की इंतेहा कहें या फिर सिर्फ ड्यूटी निभाने की खानापुरी. सड़क से महज 200 मीटर के फासले पर गुनहगार मां-बेटी के साथ रेप कर रहे थे और हाईवे से पुलिस की पेट्रोलिंग पार्टी गुजर गई.

पेट्रोलिंग पार्टी को किसी बात की भनक ही नहीं लगी. बदमाशों के कब्जे में मुंह बंद होने की वजह से मां-बेटी भी चुपचाप पुलिस को गुजरता हुआ देखती रही, लेकिन मदद के लिए आवाज नहीं लगा सकी. सुबह जब पुलिस उन तक पहुंची, तो उन्हें मदद और मेडिकल जांच के लिए अस्पताल ले जाया गया. वहां सिर्फ कानून के नजरिए से ही मेडिकल जांच की गई. 14 साल की पीड़ित लड़की भूख और बुखार से तड़प रही थी, लेकिन उसे ना तो कोई खाने-पीने की चीज़ मिली और ना ही बुखार की दवा. यही हाल परिवार के दूसरे लोगों का भी था.

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