Advertisement

UP में थम नहीं रहे रेल हादसे, पढ़ें: कब-कब यात्री हुए दुर्घटना के शिकार

उत्तर प्रदेश हाल के दिनों में ये चौथी बड़ी रेल दुर्घटना है. इससे पहले 20 नवंबर 2016 को कानपुर देहात के पास इंदौर-पटना एक्सप्रेस ट्रेन पटरी से उतर गई थी. हादसे में करीब 150 लोगों की जान चली गई थी. इस हादसे के पीछे साजिश की जांच भी जारी है.

उत्कल एक्सप्रेस हादसा उत्कल एक्सप्रेस हादसा
अनुग्रह मिश्र
  • मुजफ्फरनगर,
  • 19 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 9:23 PM IST

यूपी के मुजफ्फनगर के पास खतौली में ट्रेन नंबर 18477 पुरी-उत्कल एक्सप्रेस के 6 डिब्बे पटरी से उतर गए हैं. अब तक 20 लोगों के घायल होने की सूचना है. बता दें कि ट्रेन पुरी से हरिद्वार जा रही थी. हादसा शनिवार की शाम 5 बजकर 46 मिनट पर हुआ है. उत्तर प्रदेश हाल के दिनों में कई रेल दुर्घटनाएं हुई हैं.

Advertisement

महाकौशल एक्सप्रेस हादसा

यूपी के महोबा में 30 मार्च, 2017 को महाकौशल एक्सप्रेस पटरी से उतरी, 50 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.यह हादसा रात क़रीब 2 से सवा दो बजे महोबा और कुलपहाड़ स्टेशन के बीच हुआ था . हादसे के बाद इलाहाबाद-झांसी रूट प्रभावित हुआ था.

मेरठ-लखनऊ राज्यरानी एक्सप्रेस हादसा

मेरठ-लखनऊ राज्यरानी एक्सप्रेस के 8 डिब्बे 15 अप्रैल 2017 को उत्तर प्रदेश में रामपुर के पास पटरी से उतरे, करीब 10 लोग घायल हुए थे.हादसा मुण्डा पांडे और रामपुर रेलवे स्टेशन के बीच हुआ था. रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने घायल यात्रियों के लिए 50,000-50,000 रुपये के मुआवजे की घोषणा की थी.

इंदौर-पटना एक्सप्रेस हादसा

इससे पहले 20 नवंबर 2016 को कानपुर देहात के पास इंदौर-पटना एक्सप्रेस ट्रेन पटरी से उतर गई थी. हादसे में करीब 150 लोगों की जान चली गई थी. इस हादसे के पीछे साजिश की जांच भी जारी है.

Advertisement

सियालदह-अजमेर एक्सप्रेस हादसा

वहीं कानपुर के पास रूरा रेलवे स्टेशन के पास 28 दिसबंर 2016 की सुबह सियालदह-अजमेर एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी. हादसे में सौ से ज्यादा यात्री घायल हुए थे. इस हादसे के कारण दिल्ली आने वाली 20 से ज्यादा ट्रेनों को पिछले स्टेशनों पर रोका गया है.

जनता एक्‍सप्रेस हादसा

वहीं रायबरेली के बछरांवा के पास २० मार्च 2015 को जनता एक्‍सप्रेस14266 के कई डिब्‍बे पटरी से उतर गए थे,  इस हादसे में 32 लोगों की मौत हो गई और 150 से अधिक लोग जख्‍मी हो गए.

गोरखधाम एक्सप्रेस हादसा

26 मई 2014, उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर में गोरखधाम एक्सप्रेस ने एक खड़ी मालगाड़ी में टक्कर मार दी थी इस हादसे में तकरीबन दो दर्जन लोग मारे गए थे. यह हादसा उसी दिन हुआ था जिस दिन नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी. 

यहां भी हुए रेल हादसे

-कुनेरू के पास जगदलपुर-भुवनेश्वर हीराखंड एक्सप्रेस 21 जनवरी 2017 को पटरी से उतरी, 40 से ज्यादा की मौत, 68 लोग घायल हुए थे

एमपी के जबरी रेलवे स्टेशन के पास 7 मार्च, 2017 को भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में बम फटा, 10 लोग घायल हुए थे.

-चेन्नै सेंट्रल-तिरुवनंतपुरम सेंट्रल सुपरफास्ट एक्सप्रेस की एक अन्य ट्रेन से टक्कर 6 मई 2016 को टक्कर हो गई, करीब 7 लोग घायल हुए.

Advertisement

फेल हुई जीरो एक्सीडेंट की पॉलिसी

रेल मंत्री सुरेश प्रभु की जीरो एक्सीडेंट की पॉलिसी उस समय बेमतलब साबित हो गई, जब एक बार फिर मुजफ्फनगर के पास खतौली में ट्रेन नंबर 18477 पुरी-उत्कल एक्सप्रेस के 6 डिब्बे पटरी से उतर गए. यह हादसा इतना भयानक है कि लोगों के लिए इस को भुला पाना संभव नहीं होगा. इस एक्सीडेंट के सही कारणों का पता तब भी चलेगा, जब रेलवे कमिश्नर सेफ्टी अपनी जांच पूरी करेगा. बहरहाल जो भी हो इस हादसे ने बुलेट ट्रेन की बड़ी-बड़ी बातें करने वाले रेल मंत्री सुरेश प्रभु और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पोलपट्टी खोल कर रख दी है. इस हादसे में यह साबित कर दिया है कि सेफ्टी के मामले में रेलवे पूरी तरह से फिसड्डी साबित हुआ है.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement