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मेरठ पलायन पर CM योगी की बड़ी कार्रवाई, आईजी और एसएसपी का तबादला

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानून व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त बनाने के लिए कई पुलिस अधिकारियों का तबादला कर दिया है. खास बात है कि मेरठ में पलायन की खबरों के बीच वहां के आईजी और एसएसपी को भी हटा दिया गया है

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो-सीएम आदित्यनाथ के फेसबुक वॉल से) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो-सीएम आदित्यनाथ के फेसबुक वॉल से)
कुमार अभिषेक
  • लखनऊ,
  • 02 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 8:16 AM IST

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानून व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त बनाने के लिए कई पुलिस अधिकारियों का तबादला कर दिया है. खास बात यह है कि मेरठ में पलायन की खबरों के बीच वहां के आईजी और एसएसपी को भी हटा दिया गया है. गाजियाबाद, आगरा, संतकबीरनगर, बाराबंकी समेत कई जिलों की कमान नए कप्तान को दी गई है.

योगी सरकार ने पांच आईजी और पांच डीआईजी का भी तबादला किया है. आलोक कुमार सिंह को मेरठ रेंज का आईजी, मोहित अग्रवाल को कानपुर रेंज का आईजी, अजय कुमार साहनी को मेरठ का एसएसपी, बबलू कुमार को आगरा का एसएसपी, सुधीर सिंह को गाजियाबाद का एसएसपी, आकाश तोमर को बाराबंकी का एसपी, बृजेश सिंह को संतकबीरनगर का एसपी बनाया गया है.

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उत्तर प्रदेश के मेरठ से हिंदू परिवारों के कथित पलायन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने कहा था कि अब हम सत्ता में आ गए हैं, अब कौन पलायन करेगा? कुछ लोग निजी वजहों से इलाका छोड़ सकते हैं, लेकिन पलायन जैसी कोई बात नहीं है.

इस तरह की रिपोर्ट आई थी कि मेरठ शहर के लिसाड़ी गेट थाना क्षेत्र के अंतर्गत प्रह्लादनगर में 200 हिंदू परिवारों में कुछ अपना घर छोड़कर जा रहे हैं, या कुछ जा चुके हैं. वहां पर कई मकानों और प्लाट्स पर 'बिकाऊ है' लिखा है. इन परिवारों ने कथित रूप से दूसरे परिवारों पर परेशान करने का आरोप लगाया है. हालांकि पुलिस और प्रशासन का कहना है कि सामूहिक पलायन जैसी कोई बात नहीं है और ये मामला आपसी विवाद का है.

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को सहारनपुर में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मेरठ से कोई पलायन नहीं हुआ है. मेरठ से कोई पलायन नहीं है, उत्तर प्रदेश में हम लोगों के आने के बाद कौन पलायन करेगा...सबसे संवेदनशील कैराना और कांधला था, कैराना में 2017 से पहले क्या स्थिति थी...अब क्या स्थिति है. कुछ लोग उल्टा आरोप लगाना चाहते हैं, हमलोग के रहते हुए प्रदेश के अंदर कोई पलायन नहीं हो सकता है...मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि प्रदेश की 23 करोड़ की जनता की सुरक्षा की  जिम्मेदारी हमारी है."

सीएम ने कहा कि कुछ लोगों की स्थानीय समस्या हो सकती है. उन्होंने कहा कि अफसरों को निर्देश दिया गया है कि इस आपसी विवाद को भी मिल बैठकर सुलझाया जाए.

मेरठ के प्रह्लादनगर में रहने वाले लोगों का आरोप है कि यहां पर बहुसंख्यक समाज की महिलाओं से छेड़छाड़, पर्स और चेन स्नैचिंग की घटनाएं अक्सर होती रहती है. अगर विरोध किया जाता है तो मारपीट की नौबत आ जाती है. इन घटनाओं की वजह से इनका यहां रहना मुश्किल हो गया है. स्थानीय लोगों ने कहा कि उन्होंने पुलिस प्रशासन से ऐसे असमाजिक तत्वों के खिलाफ लगाम लगाने के लिए अर्जी दी थी, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं आया.

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