
उत्तराखंड सरकार पर मंडरा रहा संकट अब खत्म हो गया है. सूत्रों की मानें तो बागी गुट (हरक सिंह रावत) के 13 विधायकों को हरीश रावत ने मना लिया है. यही नहीं हरक सिंह को मनपसंद सीट से चुनाव लड़ने की पेशकश कर दी गई है. इसके अलावा पूर्व सीएम विजय बहुगुणा के राज्यसभा भेजने का रास्ता भी साफ हो गया है.
इससे पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा था कि बीजेपी के पांच विधायक उनके साथ कभी भी आने को तैयार हैं. इससे घबरा कर बीजेपी दुष्प्रचार कर रही है. किशोर उपाध्याय ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत के पद पर बने रहने की बात दोहराते हुए कहा था कि 'राज्य में कांग्रेस सरकार को कोई खतरा नहीं है. हरीश रावत सीएम थे और रहेंगे. हमारे पास 42 विधायकों का समर्थन है और अगर उनमें से 1-2 विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं भी तो उससे सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ता.' जबकि सूत्रों के मुताबिक ये बात सामने आ रही है कि विरोधी गुट हरीश रवात की जगह विजय बहुगुणा को फिर से मुख्यमंत्री पद देने की मांग कर रही है.
ऐसी खबर आई थी कि उत्तराखंड सरकार में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है. सरकार में अब बगावत की बू आने लगी है. गुरुवार को 13 कांग्रेसी विधायकों ने सीएम हरीश रावत के खिलाफ अपना असंतोष जाहिर कर दिया.मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के 13 विधायक बागी हो गए हैं.
सूत्रों की माने तो सीएम हरीश रावत के खिलाफ कांग्रेस के 13 एमएलए विनियोग विधेयक में वोट करेंगे. खबर यह भी है कि इसके बाद बीजेपी राज्यपाल से मिलकर राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश करेगी. उत्तराखंड में अभी बीजेपी के पास 28 विधायक हैं.