
उत्तराखंड में बर्फबारी ऐसे हो रही है मानो बर्फ नहीं कहर बरस रहा है. हर तरफ सफेद चादर बिछी है जो दूर से बेहद सुहानी लगती हो लेकिन इससे होने वाली परेशानी वही समझ पाते हैं जो यहां रहते हैं और इन कठिनाइयों को खुद झेलते भी हैं. भारी बर्फबारी के कारण हर ओर रास्ता बंद हो गया था, ऐसे में 3 फीट मोटी बर्फ पर 10 किलोमीटर तक बारात पैदल ही चली और फिर जाकर शादी हुई.
शादी समारोह बड़े ही उल्लास का पर्व होता है, जहां दो अलग-अलग इंसान शादी के बंधन में बंधने के बाद एक नए जीवन की शुरुआत करते हैं. ऐसे में उत्तराखंड के त्रिजुगीनारायण गांव में शादी का एक अलग ही नजारा देखने को मिला जहां सभी रास्ते भारी बर्फबारी से बंद हो गए थे, बावजूद इसके पैदल ही बारात निकली और बर्फीले तूफान का रास्ता चीर कर दूल्हा अपनी दुल्हन को विदा करके ले आया.
भारी बर्फबारी ने खराब की योजना
बर्फ से ढके त्रियुगीनारायण में कुछ ऐसा ही हुआ हर्षमणि के घर में, जहां अपने बेटे रजनीश की शादी के दौरान उन्हें और उनके सभी बारातियों को भारी बर्फबारी से दो चार होना पड़ा. दूल्हा 3 फीट बर्फ में 10 किलोमीटर पैदल चलकर अपनी दुल्हन के पास पहुंचा और परिणय सूत्र में बंध ईश्वर का आशीर्वाद लेकर अपना दाम्पत्य जीवन की शुरुआत की.
रुद्रप्रयाग से 80 किलोमीटर दूर ऊखीमठ ब्लाक के त्रियुगीनारायण गांव में लगातार बर्फबारी के बीच हर्षमणि के घर में शादी की तैयारियां चल रही थी. मौसम को लेकर बनी ऊहापोह के बीच परिजन बाबा केदारनाथ से प्रार्थना कर रहे थे कि शुक्रवार को मौसम साफ रहे, लेकिन शुक्रवार को भी मौसम ने अपना रंग नहीं बदला.
रास्ता बंद हुआ तो पैदल ही निकली बारात
गुरुवार आधी रात से एक बार फिर से जो बर्फबारी शुरू हुई उसने रुकने का नाम ही नहीं लिया. शादी के दिन शुक्रवार तक बर्फ 3 फीट से भी ज्यादा गिर चुकी थी. घर, आंगन, गलियां यहां तक की गांव भी पूरी तरह से भारी बर्फ में ढके हुए थे. ऐसे में किसी तरह घर के भीतर ही सभी रस्में पूरी की गईं.
बारात पास के गांव मक्कूमठ जानी थी. भारी बर्फबारी को देखते हुए तय किया गया कि 25-30 लोग ही बारात में जाएंगे, लेकिन जिन वाहनों में बैठकर बारातियों को जाना था, वे लोग रास्ते में ही फंस गए. उनके पास पैदल जाने के सिवाए कोई चारा नहीं था.
ऐसे में भारी बर्फबारी के दौरान ही बारात पैदल रवाना हुई और 10 किलोमीटर की यात्रा तीन फीट बर्फ के बीच तय करते हुए मक्कूमठ गांव में लड़की के घर पहुंची. कठिन रास्ता तय करने के बाद दूल्हे रजनीश आखिरकार अपनी दुल्हनियां के साथ वापस अपने गांव लौट आए.