
प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध चमोली जिले में बादल फटने के बाद अजीब नजारा है. जिले के घाट में बादल फटने की घटना में 6 लोगों की जान चली गई, तो वहीं कई परिवारों के सिर से छत उजड़ गई. इस प्राकृतिक आपदा से हुई क्षति का हाल जानने पहुंची आजतक की टीम ने देखा कि लोगों में कितना दर्द है, कितना खौफ है और कितनी तबाही है.
सुबह होते ही आमतौर पर जिंदगी की खुशनुमा शुरुआत होती है. बुधवार की सुबह दर्दनाक थी, जिसने तमाम आशियानों को उजाड़ दिया. भारी बारिश के कारण उफनती नदी की विकराल धारा ने किसी का मकान लील लिया तो किसी की आजीविका का साधन उसकी दुकान.
इन सबके बीच घाट किनारे रह रहे परिवार खौफ में हैं. उन्हें यह भय सता रहा है कि कहीं उनके घर-मकान भी नदी की क्रूर धारा में विलीन न हो जाएं. घाट किनारे निवासी राकेश की तो दुनिया ही उजड़ गई. बादल फटने की घटना में राकेश का मकान तबाह हुआ ही, रोजी-रोटी चलाने वाली दुकान भी तबाह हो गई.
राकेश की जिंदगी सड़क पर आ गई. छोटे-छोटे बच्चों के साथ वह जाए तो जाए कहां. राकेश ने बैंक से उधार लेकर दुकान की थी. अब राकेश को यह चिंता सता रही है कि सबकुछ चला गया, बैंक का कर्ज वह कैसे चुकाएगा. कहने के लिए एक बादल ही तो फटा था, लेकिन उससे जो चोट मिली है, इससे अब वह कैसे उबरेगा.
मौसम विभाग ने जारी किया भारी बारिश का अलर्ट
प्रकृति की मार से निजात मिलेगी, ऐसा होता नजर नहीं आ रहा. मौसम विभाग ने 19 अगस्त तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. ऐसे में स्थानीय निवासी जहां बेहद चिंतित हैं, वहीं इसका विपरीत असर चार धाम यात्रा की रफ्तार पर भी पड़ रहा है.
दिलीप सिंह राठौड़