
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में निर्माणाधीन फ्लाईओवर गिरने से 15 लोगों की मौत हो गई. इस घटना के बाद सरकार ने हादसे की जांच के निर्देश दिए हैं. लेकिन अब एक ऐसा खुलासा हुआ है जो किसी को भी चौंका सकता है. हादसे में जिन लोगों की मौत हुई उनका पोस्टमार्टम किया गया, लेकिन जब मृतकों के परिजन पोस्टमॉर्टम कराने पहुंचे तो उनसे रिश्वत ली गई.
जौनपुर के जितेंद्र यादव के परिवार के 5 सदस्यों ने इस हादसे में अपनी जान गंवा दी. जब जितेंद्र बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के कैंपस में पोस्टमॉर्टम कराने पहुंचे तो स्टाफ ने 300 रुपए प्रति शव के हिसाब से रिश्वत ली. जितेंद्र यादव ने इसका एक वीडियो भी जारी किया है.
जितेंद्र के मुताबिक, एक स्टाफ ने उनसे पोस्टमॉर्टम के लिए 300 रुपए मांगे, और कहा कि पैसों के बाद ही पोस्टमॉर्टम किया जाएगा. उन्होंने आरोप लगाया कि स्टाफ सभी परिवारों से पैसा मांग रहा था.
इस खुलासे के बारे में जब यूपी के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जिस चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी ने रिश्वत ली है, उसके खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा. हमारी सरकार भ्रष्टाचार को नहीं सहेगी. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने अभी तक लापरवाही के जिम्मेदार चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया है.
आपको बता दें कि हादसे के बाद ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने वाराणसी का दौरा किया. योगी आदित्यनाथ मंगलवार देर रात वाराणसी पहुंचे थे, उन्होंने इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्य कमेटी का गठन किया है और 48 घंटे में रिपोर्ट देने को कहा है.
इस मामले में सस्पेंड किए गए अफसरों में चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर एचसी तिवारी, प्रोजेक्ट मैनेजर राजेंद्र सिंह और केआर सूदान और एक अन्य राज्य सेतु निगम के एक अन्य कर्मचारी लालचंद शामिल हैं.