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सूटकेस में बंद लावारिस लाश का सच

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दो शहरों गाज़ियाबाद और मुरादाबाद को जोड़ने वाले इस नेशनल हाई-वे नंबर 24 पर गाड़ियां पूरी रफ्तार से दौड़ रही थी. दिल्ली और लखनऊ जैसे दो महानगरों के बीच होने की वजह से इस सड़क पर आम तौर पर ट्रैफिक कुछ ज्यादा ही होती है.

Vardaat Vardaat
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 25 फरवरी 2015,
  • अपडेटेड 3:57 AM IST

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दो शहरों गाज़ियाबाद और मुरादाबाद को जोड़ने वाले इस नेशनल हाई-वे नंबर 24 पर गाड़ियां पूरी रफ्तार से दौड़ रही थी. दिल्ली और लखनऊ जैसे दो महानगरों के बीच होने की वजह से इस सड़क पर आम तौर पर ट्रैफिक कुछ ज्यादा ही होती है.

हाईवे से गुजर रहे एक कार में सवार दो लड़कों की नजर सड़क किनारे पड़ी एक लावारिस सूटकेस पर पड़ती है. सड़क किनारे इस तरह सूटकेस पड़ा देख उन्हें अजीब लगता है. लिहाजा वो कार रोक देते हैं.

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शुरूआत में दोनों ने यही सोचा कि शायद रास्ते से गुजरती किसी गाड़ी से ये सूटकेस नीचे गिर गया होगा. चूंकि दिन का वक्त था और इलाका आबाद. लिहाजा दोनों बेझिझक गाड़ी से नीचे उतर कर सूटकेस के करीब पहुंच जाते हैं. एक लड़के ने पहले सूटकेस को टटोल कर देखा. लेकिन वो काफी भारी था. इसके बाद उन लड़कों ने जैसे ही सूटकेस का जिप खोला दोनों की लगभग चीखें निकल पड़ीं. सूटकेस में एक लाश थी.

अब अगले कुछ पल खुद को संभालने के बाद दोनों लड़कों ने किसी तरह हिम्मत जुटाई और पुलिस को फोन कर दिया. चंद मिनटों में पुलिस मौके पर थी. अब पुलिस ने सूटकेस का बारीकी से मुआयना किया. लाश किसी पुरुष की थी. उम्र यही कोई चालीस के आसपास रही होगी. पूरे जिस्म पर चोट के अनगिनत निशान थे. लाश कब्जे में लेने के बाद पुलिस ने उसे पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया. सूटकेस और लाश के अलावा आसपास से ऐसी कोई दूसरी चीज नहीं मिली, जिससे मरने वाले या मारने वाले के बारे कोई सुराग मिलता.

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अमरोहा पुलिस ने सबसे पहला काम यही किया कि आसपास के सारे थानों में लावारिस लाश मिलने की खबर भिजवा दी. खबर का असर भी हुआ. गाजियाबाद पुलिस ने अपने इलाके से गायब करीब 40 साल के एक शख्स के बारे में अमरोहा पुलिस को खबर दी. गाजियाबाद का एक प्रॉपर्टी डीलर अभिषेक गुप्ता दो दिन से अपने घर से रहस्यमयी तरीके से गायब था. घरवालों ने गाजियाबाद में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट भी लिखवा रखी थी. तो क्या सूटकेस में मिली लाश अभिषेक गुप्ता की है?

सच जानने के लिए अभिषेक गुप्ता के घरवालों को लाश की शिनाख्त के लिए बुलवाया गया. शक सही निकला. लाश अभिषेक गुप्ता की ही थी. लेकिन 19 दिसंबर को मुरादाबाद जाने के लिए घर से निकला अभिषेक आखिर सूटकेस में कैसे पहुंच गया?

दो दिन से गायब प्रॉपर्टी डीलर अभिषेक गुप्ता की तलाश में लगी गाजियाबाद पुलिस उसे ढूंढ़ने में तो कामयाब हो चुकी थी. मगर सूटकेस में बंद मिली अभिषेक की लाश का सच अभी ढूंढना बाकी था. अभी ये पता लगाना बाकी था कि आखिर अभिषेक को सूटकेस तक किसने पहुंचाया?

इस सवाल का जवाब कत्ल के मकसद में ही छुपा था और जब तक मकसद का पता नहीं लग जाता कातिल तक नहीं पहुंचा जा सकता था. लिहाजा शुरुआत अभिषेक के घर से ही होती है. अभिषेक के घरवालों से पूछताछ तो होती है. मगर घरवाले केस पर कोई खास रोशनी नहीं डाल पाते. उधर, जिस तरह से कत्ल के बाद लाश को सूटकेस में बंद कर हाइवे के किनारे निपटाया गया था, उससे इतना तो साफ था कि ये कत्ल, लूटपाट जैसी किसी वजह से नहीं, बल्कि दुश्मनी के चलते किया गया है. यानी कातिल जो भी था अभिषेक का दुश्मन था.

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दुश्मनों को खंगालने के लिए अब पुलिस अभिषेक की कॉल डिटेल निकलवाती है. शक ये भी था कि शायद कारोबारी रंजिश की वजह से किसी ने अभिषेक को मौत के घाट उतार दिया हो. इस कोशिश में जब पुलिस ने कॉल डिटेल खंगालने शुरू किए, तो एक नंबर पर जाकर उसकी निगाह ठहर गई. ये वो नंबर था, जिस पर अभिषेक की ना सिर्फ सबसे ज्यादा बार बातचीत होती थी, बल्कि कत्ल से पहले यानी 19 दिसंबर को भी आखिरी बार अभिषेक ने इसी नंबर पर फोन किया था. लेकिन ये नंबर ना तो किसी कारोबारी की थी ना अभिषेक के घरवालों में से किसी की. बल्कि नंबर प्रेरणा नाम की एक लड़की का था.

चूंकि मौत से पहले आखिरी बार प्रेरणा ने ही अभिषेक से बात की थी लिहाजा पुलिस सीधे प्रेरणा के पास पहुंचती है. पूछताछ के दौरान प्रेरणा अभिषेक को अच्छी तरह जानने की बात, तो मानती है, लेकिन कत्ल के बारे में कोई खास जानकारी नहीं देती.

पुलिस की छानबीन जारी रहती है. इसी दौरान पता चलता है कि प्रेरणा की अभिषेक गुप्ता से ना सिर्फ वाकफियत थी, बल्कि दोनों एक-दूसरे के बेहद करीब भी थे. पुलिस को ये भी पता चलता है कि अभिषेक अकसर प्रेरणा को पैसे भी दिया करता था. इन तमाम जानकारी के बाद भी पुलिस कत्ल या कत्ल के मकसद तक अब भी नहीं पहुंच पा रही थी.

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हालांकि पुलिस की नजर अब भी प्रेरणा पर ही थी और इसी बारीक नजर की वजह से अचानक पुलिस को एक ऐसी बात पता चलती है जो पूरे केस को एक नया मोड़ और मकसद दोनों दे जाती है. बेशक अभिषेक और प्रेरणा एक-दसरे के बेहद नजदीक थे, लेकिन प्रेरणा का एक और ब्वायफ्रेंड भी था. अमित, तो क्या मामला लव ट्रायंगल का है? या फिर साजिश की जड़ में कुछ और है? और अगर प्रेरणा ही कातिल है, तो कत्ल से ऐन पहले अभिषेक ने उसी को फोन क्यों किया था?

पुलिस के सामने कहानी में अब तीन किरदार थे. एक खुद अभिषेक, दूसरी प्रेरणा और तीसरा अमित. पूरी कहानी इन्हीं तीन किरदारों के इर्द-गिर्द थी. लिहाजा पुलिस ने अब अमित और प्रेरणा की जन्मकुंडली निकालनी शुरू कर दी.

तफ्तीश के बाद जो कहानी सामने आई वो कुछ यूं थी. अभिषेक और प्रेरणा के बीच पुराने संबंध थे. अभिषेक अक्सर अपनी शाम प्रेरणा के फ्लैट में उसके साथ ही गुजारता था. वो प्रेरणा की हर फरमाइश पूरी करता और उसे अक्सर पैसे भी दिया करता था.

इसी बीच अमित प्रेरणा की जिंदगी में आ गया, दोनों के बीच भी नजदीकियां बढ़ गईं. फिर वक्त बीतने के साथ अमित को अभिषेक के बारे में पता चल गया. उधर, अमित की जिंदगी में आने के बाद प्रेरणा भी अब अभिषेक से पीछा छुड़ाना चाहती थी. मगर अभिषेक हर शाम शराब के नशे में प्रेरणा के फ्लैट मे पहुंच जाता. लिहाजा अभिषेक से पीछा छुड़ाने के लिए प्रेरणा और अमित ने उसे रास्ते से ही हटा देने का फैसला कर लिया।

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ये अभिषेक की जिंदगी का आखिरी दिन था. अक्सर होने वाली मुलाकातों की तरह इस दिन भी अभिषेक प्रेरणा से मिलने के लिए उसके फ्लैट में आने वाला था. मगर अमित और प्रेरणा ने पहले ही ठान लिया था अगर आज अभिषेक ने उसके फ्लैट में आने की गलती की, तो यही उसकी जिंदगी का आख़िरी दिन होगा.

शाम होते ही शराब के नशे में धुत्त अभिषेक प्रेरणा के फ्लैट में जा पहुंचा. उसके आते ही पहले से फ्लैट में घात लगाए बैठे अमित ने अभिषेक के सिर पर एक जोरदार वार किया. अचानक हुए इस हमले से अभिषेक घबरा गया और लड़खड़ा कर जमीन पर गिर गया. इसके बाद अमित और प्रेरणा ने मिल कर अमित पर ताबड़तोड़ इतने हमले किए कि उसकी जान चली गई. चूंकि दोनों पहले ही अभिषेक को ठिकाने लगाने की तैयारी कर चुके थे, लिहाजा बगैर वक्त गंवाए पहले तो अभिषेक की लाश को एक सूटकेस में भरा और फिर उसे ठिकाने लगाने के लिए रात के अंधेरे में ही घर से बाहर निकल गए.

रही बात गायब होने से पहले अभिषेक ने आखिरी कॉल प्रेरणा को ही क्यों किया? तो इसका जवाब ये था कि फ्लैट मे आने से पहले वो प्रेरणा से पता कर रहा था कि वो फ्लैट में है या नहीं. पुलिस के मुताबिक अभिषेक और प्रेरणा के रिश्ते इतने गुप्त थे कि अगर कॉल डिटेल्स ना होते तो प्रेरणा तक पहुंचना भी मुश्किल था.

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