
सुन कर अजीब लगता है लेकिन चोरों की इस बारात में कोई बीए-एलएलबी है, कोई एमबीए, तो कोई बिल्कुल ही अंगूठाटेक.लेकिन सब के सब एक से बढ़ कर एक चोर, फ्रॉडस्टर, धंधेबाज और चीटर. बस, यूं समझ लीजिए कि ये काम तो चोरी का करते हैं, लेकिन टशन ऐसी रखते हैं कि करीब से देखें तो बॉलीवुड के हीरो भी शर्मा जाएं. महंगी और आलीशान गाड़ियों में घूमना, चोरी के लिए भी अपने साथ ड्राइवर लेकर चलना और एक शहर से दूसरे शहर की दूरी फ्लाइट से तय करना इन चोरों का शगल बन चुका है.
चार्ल्स शोभराज की अनोखी दुनिया
आइए, नायाब चोरों की इस तिलस्मी दुनिया में झांकने की शुरुआत चोरों के सबसे बड़े सरदार धनीराम मित्तल उर्फ इंडियन चार्ल्स शोभराज से. वैसे तो इन जनाब की उम्र 77 साल की है. जरा भी तेज चलते हैं तो हांफने लगते हैं. लेकिन साठ के दशक से इन्होंने चोरी और जालसाजी के जिस सिलसिले की शुरुआत की है, उससे अब
भी तौबा करने को तैयार नहीं हैं. जनाब की हैसियत का अंदाजा बस इसी से लगा लीजिए कि चोरी के इल्जाम में ये पहली बार 1964 में गिरफ्तार हुए थे. यानी कुछ
इतने साल पहले कि हम में से बहुत से लोग तो तभी पैदा भी नहीं हुए थे.
जज को छुट्टी पर भेज खुद हथिया ली कुर्सी
52 सालों से जुर्म की दुनिया में अंगद की तरह पांव जमाए दिल्ली के धनीराम ने चोरी और जालसाज़ी करते हुए ही बीए-एलएलबी, हैंडराइटिंग एक्सपर्ट और ग्राफोलॉजी की
पढ़ाई की और पास भी कर गए. लेकिन इसके बाद इन्होंने वो कारनामा कर दिखाया, जैसा इनके अलावा शायद दूसरा कोई कर ही नहीं सकता. जनाब ने हरियाणा के
झज्जर कोर्ट के एडिशनल सेशन जज को फर्जी तरीके से कंपलसरी लीव यानी छुट्टी पर भेज दिया और उनके पीछे मुड़ते ही फर्जी कागजातों के जरिए सीधे जज की कुर्सी
पर विराजमान हो गए. इसके बाद तो इन्होंने पूरे दो महीने तक कितनों को सजा दी और कितनों को बरी किया किसी को नहीं पता. हालांकि रिकॉर्ड कहता है कि इन
दो महीनों में चोर से जज बने धनीराम ने 2 हजार 7 सौ चालीस अपराधियों को जमानत पर रिहा कर दिया.
सिडान में चलने वाला चोर
अब बात एक ऐसे चोर की , जिसे देख कर कोई सोच भी नहीं सकता कि वो इतना शातिर हो सकता है. क्योंकि वो अच्छे कपड़े पहनता है, हमेशा ड्राइवर के साथ लंबी
सिडान में चलता है. दिन-दहाड़े चोरी करता है. और चोरी की दौलत से ना सिर्फ ऐश भरी जिंदगी जीता है, बल्कि उसी चोरी के पैसों से अपने बच्चों को नामी पब्लिक
स्कूल में भी पढ़ाता है.
नदीम कुरैशी उर्फ उस्ताद अब तक देश भर में 5 सौ से भी ज्यादा फ्लैटों के ताले तोड़ कर करोड़ों रुपए का माल-असबाब बटोर चुका है. और आगे भी उसका यही इरादा है. लेकिन इसे आप नदीम का स्टाइल कहें या फिर लोगों को धोखा देने का हथकंडा. वो चोरी करने रात के अंधेरे में दबे पांव नहीं जाता. बल्कि दिन दहाड़े कुछ इसी तरह पूरी ठसक से निकलता है. वो पहले रेकी करता है. और फिर अपना टार्गेट पूरा. उसके निशाने पर होते हैं अपार्टमैंट के अंदर चौथी मंजिल से ऊपर के फ्लैट, ताकि अगर किसी को उस पर शक भी हो जाए, तो लिफ्ट और सीढ़ियों से उसे भाग निकलने का पूरा वक्त मिल सके.