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अमित शाह से वसुंधरा की मुकालात के बाद भी तय नहीं प्रदेश अध्यक्ष, BJP में मचा बवाल

शुक्रवार को वसुंधरा राजे और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की मुलाकात के बाद राजे मंत्रिमंडल के सिपहसालार और बीजेपी के वसुंधरा समर्थक विधायक वापस जयपुर लौट आए हैं, लेकिन अभी तक साफ नहीं हो पाया है कि पार्टी का अगला प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा.

वसुंधरा राजे (फाइल फोटो) वसुंधरा राजे (फाइल फोटो)
अजीत तिवारी/शरत कुमार
  • जयपुर,
  • 27 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 5:34 PM IST

राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा, इस बात पर पार्टी के अंदर ही बवाल मचा हुआ है. गौर हो कि इसी साल नवंबर-दिसंबर में राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं और पिछले 16 अप्रैल से राजस्थान बीजेपी में पार्टी का कमान संभालने वाला कोई नहीं है.

शुक्रवार को वसुंधरा राजे और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की मुलाकात के बाद राजे मंत्रिमंडल के सिपहसालार और बीजेपी के वसुंधरा समर्थक विधायक वापस जयपुर लौट आए हैं, लेकिन अभी तक साफ नहीं हो पाया है कि पार्टी का अगला प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा.

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BJP मुख्यालय से निकलते वक्त दिल्ली में वसुंधरा राजे ने पत्रकारों से इशारे में कहा कि 'आप मेरे चेहरे पर खुशी देख सकते हो'. वसुंधरा के इस बात को लेकर राजस्थान में तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. इधर, जिस तरह से केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का प्रदेश अध्यक्ष के लिए नाम तय करने के बावजूद बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व नाम की घोषणा नहीं कर पा रहा है, उसे देखकर लगता है कि वसुंधरा राजे इस बार बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व पर भारी पड़ गई हैं.

यह पहला मौका है जब बीजेपी आलाकमान खुद के फैसले को लागू कराने में नाकाम रहा है. वसुंधरा राजे ने इस तरह से चुनौती दी है कि इसे लागू किया गया तो राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी की लुटिया डूब सकती है. राजस्थान बीजेपी में राजपूत अध्यक्ष न बने इसके लिए वसुंधरा राजे ने अपने राजपूत मंत्री और विधायकों को आगे कर दिया.

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देवी सिंह भाटी ने तो खुलेआम गजेंद्र सिंह शेखावत पर आरोप लगा दिए. लेकिन अनुशासन का डंडा चलाने के लिए माने जाने वाला बीजुरी का राष्ट्रीय नेतृत्व इस बार वसुंधरा के आगे बौना है. माना जा रहा था कि अमित शाह से मुलाकात के बाद मामला सुलझ जाएगा लेकिन हुआ कुछ भी नहीं. कौन अध्यक्ष बनेगा इसे लेकर अभी भी अटकलों का दौर जारी है.

ऐसा कहा जा रहा है कि गजेंद्र गजेंद्र सिंह शेखावत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पसंद हैं, ऐसे में अमित शाह अब यह फैसला नहीं ले सकते कि गजेंद्र सिंह शेखावत को प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनाया जाए. इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा के बाद ही कुछ संभव है, इसलिए यह भी कहा जा रहा है कि हो सकता है, कर्नाटक चुनाव तक राजस्थान में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष का पद खाली रहे.

लोगों का यह भी कहना है कि जब नाम तय नहीं हो पा रहे थे तो आनन-फानन में मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी को 16 अप्रैल को हटाने की क्या जरूरत थी. वसुंधरा समर्थकों को इस तरह से जल्दबाजी में प्रदेश अध्यक्ष का हटाया जाना पसंद नहीं आया.

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