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सभी सेंट्रल यूनिवर्सिटीज विवादास्पद चयन आधारित क्रेडिट सिस्टम (CBCS) के खिलाफ शिक्षकों और छात्रों के एक वर्ग के विरोध के बावजूद इसे आगामी एकेडमिक सेशन में लागू करेंगी.
दिल्ली विश्वविद्यालय सहित सभी विश्वविद्यालयों ने कुलपतियों की आज यहां आयोजित महत्वपूर्ण बैठक में सर्वसम्मति से इसे लागू करने पर सहमति जतायी है. लेकिन कई यूनिवर्सिटी इसे लागू करने के लिए एक साल का समय मांगा है. सूत्रों ने बताया कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय इसे कई विभागों में कई चरणों में लागू करने की योजना बना रहा है.
CBCS को लेकर हुई इस बैठक की अध्यक्षता मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी की गैरमौजूदगी में उच्च शिक्षा सचिव वी एस ओबेराय ने की. विश्वभारती के कुलपति सुशांत दत्तगुप्ता ने बैठक में हिस्सा नहीं लिया, जिन्हें पिछले सप्ताह कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. यह बैठक दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों और छात्रों के एक वर्ग की ओर से जारी प्रदर्शन की पृष्ठभूमि में हुई जो कार्यक्रम की वैधता पर सवाल उठाते हुए शिक्षा प्रणाली में प्रस्तावित सुधारों को विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता पर हमला करार देते हुए खारिज कर रहे हैं.
इनपुट: भाषा