
वेंकैया नायडू देश के 13वें उपराष्ट्रपति चुन लिए गए हैं. एनडीए उम्मीदवार वेंकैया नायडू ने यूपीए उम्मीदवार गोपालकृष्ण गांधी को हराकर देश के दूसरे सर्वोच्च पद का चुनाव जीता. संघ की पृष्ठभूमि से आने वाले वेंकैया नायडू का जन्म 1 जुलाई, 1949 को आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले में हुआ था. उनके पिता किसान थे.
वेंकैया नायडू ने नेल्लोर में ही उन्होंने स्कूली पढ़ाई पूरी की और वहीं से राजनीति और कूटनीति में स्नातक किया. विशाखापत्तनम के लॉ कालेज से अंतरराष्ट्रीय कानून में डिग्री. इस सर्वोच्च पद पर उनके पहुंचने की खबर से गांव में खुशी की लहर है. उनके पैतृक गांव में उनका परिवार और स्कूल के साथी जश्न मना रहे हैं.
परिवार में जश्न
वेंकैया नायडू का पैतृक घर नेल्लोर में है. उनके खानदान के लोग जश्न मना रहे हैं. उनकी चाची मनोरमा ने कहा- हम काफी खुश हैं. वे काफी मेहनती रहे हैं. काफी कम उम्र में उन्होंने अपने माता-पिता को खो दिया था. उनके चाचा ने उनका पालन-पोषण किया. उन्होंने अपने गांव के लिए काफी काम किए हैं. पूरे परिवार के साथ अक्सर वे अपने गांव आते हैं. वे अपने गांव को अपनी मां मानते हैं.
स्कूल के साथी कैसे याद करते हैं
वेंकैया नायडू के स्कूल के साथी रहे वेंकटासुबिया ने कहा- हम मैट्रिक तक साथ पढ़े. वे संघ के सक्रिय सदस्य थे और योगा भी करते थे. वे राजनीति में आगे बढ़ते चले गए. उन्होंने गांव और पूरे इलाके के लिए काफी कुछ किया.
दोस्तों के बीच काफी लोकप्रिय
वेंकैया नायडू के बचपन के दोस्त कतरी पेरुमल नायडू कहते हैं. हम साथ में कब्बडी खेलते थे. जब भी वे गांव आते हैं मुझसे जरूर मिलते हैं. गांव में और आसपास के इलाकों में वे पीने का पानी लेकर आए. उनकी उपलब्धियों पर हमें गर्व है.