
प्रवर्तन निदेशालय (ED) के 2जी मामले में मनी लांड्रिंग जांच में नया मोड़ आ गया है. सरकार ने जांच एजेंसी से सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील के के वेणुगोपाल को 2जी केस से हटाने को कहा है.
पहले ही दिया इशारा
के के वेणुगोपाल को हटाने का इशारा सरकार ने पहले ही दे दिया था. वित्त मंत्रालय पिछले महीने ही इस मामले में आदेश जारी कर चुका है जिसमें वेणुगोपाल को तत्काल हटाने को कहा गया है.
क्या था मामला?
के के वेणुगोपाल को जांच एजेंसी ED या राजस्व विभाग से सलाह लिए बिना राजेश्वर सिंह पर सुप्रीम कोर्ट में एक नोट प्रस्तुत करने की वजह से हटाया गया है. राजेश्वर सिंह 2जी मनी लांड्रिंग जांच मामले में मुख्य जांच अधिकारी हैं.
राजेश्वर सिंह पर बवाल
सुप्रीम कोर्ट ने 2जी मामले में पिछले साल सरकार की कड़ी खिंचाई की थी और उत्तर प्रदेश राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी सिंह को ED में उप निदेशक पद पर स्थायी रूप से रखे जाने का आदेश भी दिया था. वहीं वित्त मंत्रालय सिंह को उनके कैडर में वापस भेज देना चाहता था क्योंकि जांच एजेंसी में उनकी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति समाप्त होने वाली थी. ED भी वित्त मंत्रालय के अधीन कम करता है.
इस साल पद्म विभूषण से सम्मानित सीनियर वकील के के वेणुगोपाल ने उस समय सुप्रीम कोर्ट को सिंह के मामले से जुड़े तमाम पहलुओं की जानकारी दी. उन्होंने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) के सिंह को स्थायी रूप से ED में रखे जाने के आदेश के बारे में भी जानकारी दी. बस इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को कड़ा निर्देश जारी करते हुए राजेश्वर सिंह को स्थायी रूप से ED में शामिल करने का निर्देश दिया था.
इनपुट: भाषा