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अन्ना के अनशन का चौथा दिन, मंच पर भिड़े वीके सिंह और गोपाल राय

लोकपाल बिल को लेकर रालेगण सिद्धि में अन्ना अनशन पर बैठे हैं. अनशन के चौथे दिन मंच पर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया. मंच पर आम आदमी पार्टी के सदस्य गोपाल राय और पूर्व आर्मी चीफ वीके सिंह के बीच बहस शुरू हो गई, जिसे शांत कराने के लिए खुद अन्ना को बीच में दखल देना पड़ा.

रालेगण सिद्धि में गोपाल राय रालेगण सिद्धि में गोपाल राय
aajtak.in
  • रालेगण सिद्धि,
  • 13 दिसंबर 2013,
  • अपडेटेड 8:35 AM IST

लोकपाल बिल को लेकर रालेगण सिद्धि में अन्ना अनशन पर बैठे हैं. अनशन के चौथे दिन मंच पर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया. मंच पर आम आदमी पार्टी के सदस्य गोपाल राय और पूर्व आर्मी चीफ वीके सिंह के बीच बहस शुरू हो गई, जिसे शांत कराने के लिए खुद अन्ना को बीच में दखल देना पड़ा.

कुछ ऐसे शुरू हुई बहस...
अन्ना के मंच पर वीके सिंह ने माइक संभाला और निशाना बनाया अरविंद केजरीवाल को. बिना नाम लिए वीके सिंह ने कहा, 'कुछ लोगों ने अन्ना के आंदोलन का फायदा उठाते हुए राजनीति की और फिर अन्ना को अकेला छोड़ दिया.' ये बात गोपाल राय को बिल्कुल पसंद नहीं आई और उन्होंने वीके सिंह की स्पीच के बीच में ही बोलना शुरू कर दिया. गोपाल राय अन्ना हजारे का समर्थन करने के लिए रालेगण सिद्धि पहुंचे हुए थे.

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अन्ना ने गोपाल राय को लताड़ा...
इस बीच अन्ना हजारे ने गोपाल राय को लताड़ते हुए कहा, 'आपको अगर हल्ला मचाना है तो गांव से जाओ... यहां मत बैठो. आपको अनशन के लिए किसने बुलाया है?' अन्ना के बोलने के बाद गोपाल दास शांत हुए.

करता हूं अन्ना का आदर, जा रहा हूं वापस...
इस पूरे कांड के बाद गोपाल राय ने कहा, ' मैं अन्ना जी का सम्मान करता हूं और उनकी बात  मानते हुए वापस जा रहा हूं.' इससे पहले गोपाल राय ने कहा था, 'अन्ना जी ने कल साफ कह दिया था कि इस मंच पर बस लोकपाल बिल के बारे में चर्चा होगी. हम लोग अन्ना जी के साथ हैं. अन्‍नाजी ने हमें गांव छोड़ने के लिए कहा लेकिन हम इस लड़ाई में अन्ना जी को अकेले नहीं छोड़ेंगे. AAP हमेशा उनके साथ है. हमें विश्वास है कि अन्ना जी सही समय पर सही फैसला लेंगे.'

वहीं इस पूरे मामले पर राजनीति शुरू हो गई है. बीजेपी के वीजेंद्र गुप्ता ने कहा, 'अब उनका (AAP) असली चेहरा सामने आ रहा है. पहले वो अलग रास्ता चुनते हैं फिर यू-टर्न ले लेते हैं. जो लोग अलग तरह की राजनीति की बात कर रहे थे अब वो बेनकाब हो चुके हैं. रालेगण सिद्धि में जो कुछ हुआ उससे पता चलता है कि राजनीतिक फायदा उठाने के लिए ये लोग किस हद तक जा सकते हैं.'

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