
विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) की ओर से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की खातिर छह महीने पहले देशभर से पत्थर इकट्ठा करने का राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया गया था. इसी के तहत जमा किए किए पत्थरों से लदे दो ट्रकों ने रविवार को शहर में प्रवेश किया है. इस पूरी कवायद के बीच जिला पुलिस सतर्क हो गई है और हालात पर नजर रख रही है.
वीएचपी के प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा, 'अयोध्या में वीएचपी की संपत्ति राम सेवक पुरम में दो ट्रकों से पत्थर उतारे गए हैं और राम जन्म भूमि के अध्यक्ष महंत नृत्य दास की ओर से ‘शिला पूजन’ किया गया है.' महंत नृत्य गोपाल दास ने बताया कि मोदी सरकार से संकेत मिले हैं कि अब मंदिर का निर्माण करवाया जाएगा.
जारी रहेगा पत्थरों काे पहुंचाना
उन्होंने कहा, 'अब अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का वक्त आ गया है. आज अयोध्या में ढेर सारे पत्थर पहुंच गए हैं. अब पत्थरों का पहुंचना जारी रहेगा. हमें मोदी सरकार से संकेत मिले हैं कि मंदिर का निर्माण अब किया जाएगा.' वीएचपी मुख्यालय पर पत्थरों के पहुंचने पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए फैजाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मोहित गुप्ता ने कहा कि पुलिस हालात पर नजर रख रही है.
निजी परिसर में रखे गए पत्थर
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा, 'हम हालात पर पैनी निगाह रख रहे हैं. पत्थर लाए गए हैं और एक निजी परिसर में रखे गए हैं. इस वाकये से यदि शांति भंग होती है या सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ता है तो हम निश्चित तौर पर कार्रवाई करेंगे. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का अपना प्रण दोहराते हुए वीएचपी ने जून में ऐलान किया था कि वह मंदिर निर्माण के लिए देशभर से पत्थर इकट्ठा करेगी.
सिंघल ने दी थी जानकारी
वीएचपी ने मुस्लिम समुदाय को भी चेतावनी दी थी कि वह राम मंदिर निर्माण में कोई अड़ंगा न लगाए. वीएचपी नेता अशोक सिंघल ने निधन से कुछ दिन पहले ही कहा था कि राम मंदिर निर्माण के लिए करीब 2.25 लाख क्यूबिक फुट पत्थरों की जरूरत है और करीब 1.25 लाख क्यूबिक फुट पत्थर अयोध्या स्थित वीएचपी मुख्यालय में तैयार रखे हैं. शेष एक लाख क्यूबिक फुट पत्थर देश भर से हिंदू श्रद्धालुओं से इकट्ठा किए जाएंगे.'
'प्रशासन ने कहा था, पत्थर नहीं आने देंगे'
हालांकि, तब प्रशासन ने इस पर तुरंत प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा था कि वह इस कदम का विरोध करेगा, क्योंकि मामला न्यायालय में विचाराधीन है. उत्तर प्रदेश के गृह विभाग के प्रमुख सचिव देवाशीष पांडा ने कहा था कि राज्य सरकार राम मंदिर के लिए अयोध्या में पत्थर नहीं आने देगी.
उन्होंने कहा था, 'चूंकि मामला कोर्ट में विचाराधीन है, लिहाजा सरकार अयोध्या मुद्दे के बाबत कोई नई परंपरा शुरू करने की इजाजत नहीं देगी.'
-इनपुट भाषा से