
वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज के खिलाफ लेनदारों की याचिका को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने स्वीकार कर लिया है. इससे 20 हजार करोड़ रुपये के कर्ज में डूबी वीडियोकॉन को उम्मीद है कि लेनदार इसके जरिये 80 फीसदी तक कर्ज वसूल पाएंगे. इसके बाद वीडियोकॉन के खिलाफ दिवालिया कानून के तहत कार्रवाई शुरू होगी.
एनसीएलटी में भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले लेनदारों के समूह ने यह याचिका दायर की. इसमें नीलामी के जरिये इंडस्ट्रीज का नया मालिक चुनकर मामले को सुलझाने का प्रयास किया जाएगा. यह पूरा काम अगले 180 दिनों के भीतर किया जाना है.
वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज वेणुगोपाल धूत की फ्लैगशिप कंपनी है. इस कंपनी पर बैंकों का 20 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज है. एक तरफ जहां वीडियोकॉन इंडस्ट्री के खिलाफ एनसीएलटी ने याचिका स्वीकार कर ली है.
वहीं, आज वीडियोकॉन टेलीकॉम के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई होनी है. यह कंपनी अभी भी थोड़ा बहुत कारोबार करती है, लेकिन यह भी 3000 करोड़ रुपये से ज्यादा के कर्ज में डूबी है.
एनसीएलटी ने वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज के खिलाफ याचिका स्वीकार कर ली है. इसके साथ ही उसने इस मामले में केपीएमजी के अनुज जैन को इन्सॉलवेंसी प्रोफेशनल के तौर पर नियुक्त किया है.
हालांकि इस कार्रवाई में इसकी सब्सिडरी वीडियोकॉन ऑयल शामिल नहीं होगी. वीडियोकॉन ऑयल पर 12 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज बकाया है. इस कंपनी की ब्राजील समेत दुनिया के अन्य देशों में संपत्ति है.