Advertisement

इस कारण बिजनेस टायकून से 'किंग ऑफ बैड टाइम्स' बन गए माल्या

शराब उद्योग से तेजी से पैसा बनाने वाले माल्या आज बैंक उद्योग के 'नन परफॉर्मिंग एसेट' संकट के प्रतीक बन गए हैं. विजय माल्या को 'किंग ऑफ गुड टाइम्स' कहा जाता था, लेकिन आज यह एक मजाक बन चुका है.

विजय माल्या विजय माल्या

विजय माल्या के प्रत्‍यर्पण मामले में नया मोड़ आ सकता है. खबर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जर्मनी में चल रहे जी 20 समिट में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री टेरेसा मे से बात की है. माना जा रहा है कि इस मामले में भारत सरकार हम हर हाल में माल्‍या का प्रत्‍यर्पण चाहती है.

गौरतलब है कि वेस्टमिंस्टर कोर्ट के आदेश के बाद विजय माल्या को अप्रैल में गिरफ्तार किया गया था. हालांकि उसी कोर्ट ने 3 घंटे में उन्हें जमानत दे दी थी. माल्या पर इंडियन बैंकों से 9 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज लेने का आरोप है.

Advertisement

माल्या को भारत सरकार ने भगोड़ा घोषित कर रखा है. माल्या अपनी रईसी और चमक-दमक वाली जिंदगी के लिए जाने जाते हैं. शराब उद्योग से पैसा बनाने और कई अन्य व्यवसायों में हाथ आजमाकार तेजी से उभरने वाले विजय माल्या आज अचानक बैड ब्वॉय के रूप में सबके सामने हैं. लिकर किंग के नाम से मशहूर विजय माल्या की कहानी पूरी तरह फिल्मी लगती है.

बैंकों के 'NPA' संकट के प्रतीक बने

शराब उद्योग से तेजी से पैसा बनाने वाले माल्या आज बैंक उद्योग के 'नन परफॉर्मिंग एसेट' संकट के प्रतीक बन गए हैं. विजय माल्या को 'किंग ऑफ गुड टाइम्स' कहा जाता था, लेकिन आज यह एक मजाक बन चुका है.

शराब का कारोबार विरासत में मिला

पॉलिटिशियन, सहारा फोर्स इंडिया, रॉयल चैलेंजर्स, मैक्डोवेल, मोहन बगान, किंगफिशर और ईस्ट बंगाल के मालिक रहे विजय माल्या का जन्म 18 दिसंबर, 1955 को हुआ था. कोलकाता में पैदा हुए माल्या के पिता विठ्ठल माल्या भी देश के जाने-माने कारोबारी थे. उनकी माता का नाम ललिता रमैया है. माल्या को शराब का बिजनेस पिता विट्ठल माल्या से विरासत में मिला था. उन्होंने देश के प्रतिष्ठित मैनेजमेंट संस्थानों से लोगों को चुना और इस शराब उद्योग को एक कॉरपोरेट रूप दिया.

Advertisement

छवि बदलने के लिए कई क्षेत्रों में कोशिश

जानकार बताते हैं कि विजय माल्या चाहते थे कि लोग उन्हें शराब के बड़े व्यवसायी नहीं, बल्कि एक उद्योगपति के रूप में जानें. क्योंकि भारत में शराब व्यवसाय को अच्छी नज़रों से नहीं देखा जाता. इसलिए शायद माल्या ने इंजीनियरिंग, उर्वरक, टेलीविज़न और चार्टर विमान सेवा की कंपनियों में पैसे लगाए.

एयरलाइंस पर खूब पैसे उड़ाए

माल्या ने जब किंगफिशर एयरलाइन शुरु किया तो खूब पैसे उड़ाए. किसी यात्री की उड़ान छूट जाने पर वे उसे उसके गंतव्य स्थान तक दूसरी एयरलाइन से भेजते थे. उन्होंने यह मान लिया कि लोग उनके फ्लाइंग फाइव स्टार होटल पर टूट पड़ेंगे. माल्या कहते- यात्रियों के लिए उन्होंने मंहगी विदेशी पत्र-पत्रिकाएं मंगवाई, पर शायद वे कभी गोदाम से बाहर निकल ही नही पाईं. कंपनी के मुनाफे पर इन बातों का बुरा असर पड़ना ही था.

झटके में फैसले लेने की आदत

बिजनेस में कुछ हटके फैसले लेने और एक झटके में नई कंपनियां खरीदने की आदत और कई बार तो बिना बही-खाते की जांच के ही फैसला लेने की वजह से माल्या लगातार संकट में फंसते रहे.

फोन पर एयर डेकन की डील

किंगफिशर एयरलाइन को अंतरराष्ट्रीय विमानन कंपनी बनाने के लिए माल्या ने कैप्टेन गोपीनाथ की कंपनी एयर डेकन खरीदी थी. इस बारे में एक कहानी मशहूर है कि माल्या ने अपने यॉट से गोपीनाथ को फोन किया कि वो एयर डेकन खरीदना चाहते हैं. गोपीनाथ ने कहा, एक हजार करोड़ रुपये. माल्या ने एयर डेकन की बैलेंस शीट तक नहीं देखी और गोपीनाथ को डिमांड ड्राफ्ट भिजवा दिया.

Advertisement

ना कर्ज लिया ना ही डिफॉल्टर

माल्या ये कहते रहे हैं कि किंगफिशर एयरलाइंस, एसबीआई कैपिटल मार्केट्स और एक मशहूर अंतरराष्ट्रीय विमानन सलाहकार से सलाह मशविरा के बाद शुरू की गई थी. अर्थव्यवस्था में उस समय उपजी स्थिति और सरकारी नीतियां कंपनी की बदहाली की वजहें रहीं. विजय माल्या ने एक बयान में कहा, 'व्यक्तिगत तौर पर मैंने कर्ज नहीं लिए हैं और न ही मैं डिफॉल्टर हूं .'

लग्जरी लाइफ और रईसी जलन का कारण

आज माल्या की इमेज एक डिफॉल्टर के रूप में बन गई है. लिकर किंग के नाम से मशहूर विजय माल्या व्यापार से ज्यादा अपनी लग्जरी लाइफ, दौलत और शोहरत को लेकर चर्चा में रहते थे.

9 हजार करोड़ के कर्ज के साथ फरार

विंटेज कार्स, याट्स, हॉर्स रेस के अलावा डिफरेंट लुक्स फॉलो करने के लिए फेमस माल्या पर 17 बैंकों का करीब 9 हजार करोड़ रुपये कर्ज है. वे ब्रिटेन भाग गए थे. कर्ज में डूबने के बावजूद माल्या के ऐशो आराम और पेज थ्री की पार्टीज में कोई कमी नहीं आई.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement