
दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंदर गुप्ता ने सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरे लगाकर नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करने की पुलिस की पहल का आम आदमी पार्टी द्वारा विरोध करने पर घोर निंदा की है और उस पर गहरा रोष भी प्रकट किया.
उन्होंने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, 'न काम करेंगे, न करने देंगे' यह आम आदमी सरकार का आदर्श वाक्य बन गया है. आम आदमी पार्टी सरकार ने दिल्ली विधानसभा के चुनावों के समय दिल्ली में 15 लाख सीसीटीवी कैमरे लगवाने का वादा किया था लेकिन 3 वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी दिल्ली में एक भी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगाया जा सका है.
पुलिस को रोक रही सरकार
उन्होंने कहा कि आप पार्टी सरकार अब दिल्ली पुलिस को भी ऐसा करने से रोकने के लिए अड़ंगा लगाना चाहती है. वह उपराज्यपाल महोदय और दिल्ली पुलिस द्वारा किए जा रहे सुरक्षा उपायों के साथ हैं और उपराज्यपाल महोदय से मांग करते हैं कि दिल्ली पुलिस की इस पहल को आगे बढ़ाया जाए.
विजेंदर गुप्ता ने दिल्ली के मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की ओर से पुलिस द्वारा नागरिकों के लिए सीसीटीवी कैमरे लगवाने की योजना पर की जा रही पहल का विरोध करने पर गहरी आपत्ति दर्ज की है. गुप्ता ने कहा कि मनीष सिसोदिया का यह बयान राजनीति से प्रेरित है जिसका वे कड़ा विरोध करते हैं.
उन्होंने कहा कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का यह बयान केवल उपराज्यपाल महोदय और दिल्ली पुलिस द्वारा दिल्ली की सुरक्षा को चाक चौबंद करने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना के रास्ते में रोड़े अटकाने के मकसद से दिया गया है.
विजेंदर ने कहा कि उपराज्यपाल की अध्यक्षता में दिल्ली पुलिस की कानून-व्यवस्था की विशेष बैठक में राज्य में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने की वर्तमान स्थिति का जायजा लेते हुए पुलिस को कैमरे लगाए जाने में एक समानता, गोपनीयता, सुरक्षा, मानक संचालन प्रक्रिया सहित अन्य पहलुओं पर विचार करने के मकसद से आंतरिक समूह बनाने का आदेश दिया गया है,
वहीं इन सब चीजों से नाराज दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल पर तानाशाह बनने का आरोप लगाया और कहा कि यह दिल्ली में समानान्तर सरकार चलाने का प्रयास है, जो अवैध है.