
ऐसा कौन होगा जिसने ट्रेन के सफर में चाय की चुस्कियों का आनंद नहीं लिया होगा. गर्म चाय, गर्म चाय की आवाज के साथ अलसायी हुई सुबह में उठना और रेल की खिड़की से चाय का कप लेकर पीना आपको भी याद होगा. चाय अच्छी और भरोसे की हो इसलिए आप इस बात का खास ख्याल रखते हैं कि वर्दी वाले वेंडर से ही चाय खरीदें. कई बार रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को आगाह करने के लिए लिखा भी जाता है कि सिर्फ रेलवे के ऑथोराइज्ड वेंडर से ही चाय या खाने पीने की चीजें खरीदें क्योंकि बाहर के अनजान लोगों के खाने पीने की चीजें खरीदना खतरनाक हो सकता है.
हम आपको दिखाएंगे वो वीडियो जिसे देखने के बाद आप ट्रेन में चाय खरीदने से पहले सौ बार सोचेंगे. कैसा लगेगा जब आपको ये पता चले की जो चाय आप पी रहे हैं उसके लिए पानी ट्रेन से टॉयलेट से लिया गया है. और ये करतूत वर्दी पहनने वाले लोग कर रहे हैं- यात्रियों की नजरों के सामने. यकीन न हो तो खुद देख लीजिए.
इस वीडियो में नीली शर्ट की जेब में चाय का कप लिए ये आदमी ट्रेन के टॉयलेट के पास मंडरा रहा है. ट्रेन किसी स्टेशन पर रुकी हुई है और वो कुछ घबराया हुआ सा दिख रहा है. उसकी हरकतों से साफ है कि वो किसी बात का इंतजार कर रहा है. वो ट्रेन के दरवाजे पर जाकर देखता है और इधर- उधर देख रहा है कि कहीं कोई आ तो नहीं रहा है. पूरे पचास सेकेंड तक वो ऐसे ही टॉयलेट के बाहर इंतजार करता हुआ दिखता है. फिर टॉयलेट का दरवाजा खुलता है और तब ये बात साफ हो जाती है कि वो ट्रेन के टॉयलेट के पास क्या कर रहा है .
टॉयलेट का दरवाजा खुलता है और भीतर से उसका दूसरा साथी दिखता है. वो भीतर से स्टील का चाय बेचने वाला एक कंटेनर इस आदमी को पकड़ाता है. इस कंटेनर को वो ट्रेन के गेट पर रख देता है और जल्दी से ऐसा ही दूसरा कंटेनर उस आदमी से लेता है जो टॉयलेट के भीतर है. तीसरा ऐसा ही कंटेनर लेकर टॉयलेट के भीतर वाला आदमी बाहर निकल रहा था कि तभी उसे सामने से एक यात्री आता हुआ दिखता है वो बाहर निकलने के बजाय दूसरी तरफ चला जाता है. लेकिन जैसे ही वो फिर से सामने आता है उन लोगों को एहसास होता है कि मोबाइल में उनकी हरकतें कैद की जा रही हैं. उनकी वीडियो बनाने वाला व्यक्ति उनसे तेलुगु में पूछता है कि वो चाय का पानी टॉयलेट से क्यों ले रहे हैं. दोनों कुछ जवाब नहीं देते हैं.
और कुछ घबरा कर बाहर जाने के बजाय ट्रेन में दूसरे डिब्बे की तरफ चले जाते हैं. तभी प्लेटफॉर्म पर इन लोगों का तीसरा साथी इस बात को देख लेता है कि उनकी चोरी पकड़ी जा चुकी है. वो आता है और ट्रेन के गेट पर रखा हुआ कंटेनर लेकर चला जाता है.
जैसे ही ये वीडियो सोशल मीडिया पर आया तेजी से वायरल होने लगा. जिसने इसे देखा, गुस्से से उसका खून खौलने लगा . लोगों को लगा कि रेलवे भला अपने यात्रियों के साथ ऐसा कैसे होने दे सकता है. मामला और भी ज्यादा इसलिए गंभीर हो जाता है क्योंकि जो लोग बेशर्मी के साथ लोगों को टॉयलेट के पानी से चाय पिलाने में लगे थे वो वर्दी में दिख रहे थे. नीले रंग की शर्ट पर वेंडर की कंपनी का लोगो देखा जा सकता है. इस खबर का वायरल टेस्ट करने के लिए और इसकी तह तक पहुंचने के लिए हमने कुछ ऐसे लोगों से संपर्क किया जो सोशल मीडिया पर इसे पहले डालने वाले लोगों में थे. इस वीडियो को पहले ट्वीट करने वालों में आर. कस्तूरीरंगन (@RKayR) भी थे. लेकिन उन्होंने बताया कि ये वीडियो उन्हें वॉट्सऐप ग्रुप से जरिए मिला है.
रेलवे और IRCTC के कई अधिकारियों से बात करने के बाद पता चला कि ये घटना बिल्कुल सही है. हमारी लगातार पूछताछ के बाद रेलवे ने इस घटना को स्वीकार करते हुए एक स्पष्टीकरण भी जारी किया.
रेलवे के मुताबिक ये वाकया तेलंगाना के सिकन्दराबाद स्टेशन का है. तीनों लोग जिस ट्रेन के टॉयलेट से भरे गए कंटेनर को इधर से उधर कर रहे हैं वो चारमीनार एक्सप्रेस है जिसका नंबर है 12759 है. रेलवे का दावा है ये घटना चार महीने पहले दिसंबर 2017 की है. हालांकि ये खबर सोशल मीडिया पर पिछले कुछ दिनों में ही वायरल हुई है.
रेलवे अधिकारी वेदप्रकाश के मुताबिक नीली शर्ट में दिखने वाले लोग चारमीनार स्टेशन पर केटरिंग करने वाली कंपनी के लोग हैं जो गैरकानूनी तरीके से वहां काम कर रहे थे. लेकिन रेलवे ने माना कि प्लेटफॉर्म पर खड़ा तीसरा व्यक्ति पीएन जयचंद्रा है रेलवे के केटरर पी. शिवप्रसाद के लिए काम करता है. हमने शिवप्रसाद से भी बात की लेकिन उसने जवाब देने के बजाय सिर्फ ये कहकर फोन रख दिया कि उसके लोगों की वर्दी का रंग कुछ और है.
लेकिन रेलवे का कहना है कि पूछताछ के दौरान इस जयचंद्रा ने बताया कि वो लोग टॉयलेट के भीतर पानी नहीं भर रहे थे बल्कि दूध एक बर्तन से दूसरे बर्तन में डाल रहे थे. लेकिन रेलवे ने टॉयलेट में खाने पीने की चीजें ले जाने के लिए पी. शिवप्रसाद की कंपनी पर एक लाख का जुर्माना भी लगाया था.
वायरल टेस्ट में खबर बिल्कुल सही निकली. उम्मीद की जानी चाहिए कि रेलवे लोगों के भरोसे को कायम करने के लिए कुछ ठोस कदम उठाएगा.
(सिद्दार्ध तिवारी और अर्जुन डियोड़िया के इनपुट के साथ)