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26 साल की उम्र में टेस्ट कप्तान...बोले विराट कोहली- 'नो चांस'

टीम इंडिया के टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि 26 साल की उम्र में वो टेस्ट टीम के कप्तान बन जाएंगे. इतना ही नहीं टेस्ट कप्तान चुने जाने पर विराट अपने आंसुओं को रोक नहीं पाए थे.

विराट कोहली और एमएस धोनी विराट कोहली और एमएस धोनी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 04 जून 2015,
  • अपडेटेड 10:51 AM IST

टीम इंडिया के टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि 26 साल की उम्र में वो टेस्ट टीम के कप्तान बन जाएंगे. इतना ही नहीं टेस्ट कप्तान चुने जाने पर विराट अपने आंसुओं को रोक नहीं पाए थे. कैप्टन कूल एम एस धोनी की तारीफ करते हुए विराट ने कहा कि वो अपने पीछे समृद्ध विरासत छोड़ गए हैं.

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...जब अनुष्का के साथ कमरे में रो पड़े विराट
thecricketmonthly.com को दिए इंटरव्यू में विराट कोहली ने कहा, 'धोनी के संन्यास के फैसले से हम सब दंग रह गए थे. करीब डेढ़ घंटे बाद मैं अपने कमरे में गया. अनुष्का सीरीज देखने आई हुई थी. उस समय वो मेरे कमरे में थी और मैंने उसे ये खबर सुनाई. थोड़ी देर बाद हम दोनों ने सोचा कि मैं टेस्ट टीम का कप्तान बनने जा रहा हूं, एक या दो मैच के लिए नहीं बल्कि परमानेंटली. और फिर मैं खुद को रोक नहीं सका और रो पड़ा. मैंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा होगा. सही बताऊं तो जब मैंने खेलना शुरू किया था और किसी ने मुझसे कहा था कि मैं 26 साल की उम्र में टेस्ट कप्तान बन जाऊंगा, मैं बोलता 'नो चांस...'

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'धोनी ने अपने पीछे छोड़ी समृद्ध विरासत'
कोहली ने कहा कि पूर्व टेस्ट कप्तान धोनी अपने पीछे एक समृद्ध विरासत छोड़ गए हैं. धोनी ने इसी साल ऑस्ट्रेलिया दौरे पर तीसरे टेस्ट मैच के बाद टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था, जिसके बाद आखिरी टेस्ट मैच की अस्थाई तौर पर कप्तानी कोहली को सौंपी गई थी. बांग्लादेश के आगामी दौरे के लिए टीम की घोषणा करते हुए बीसीसीआई ने कोहली को स्थाई कप्तान घोषित कर दिया.

कोहली ने कहा, 'मुझे नहीं पता कि लोग क्यों कहते हैं कि वह (धोनी) अपने पीछे कुछ भी नहीं छोड़ गए. वह भारत के सार्वकालिक महानतम कप्तान हैं. यह अपने आप में विरासत है. उन्होंने कई खिलाड़ियों को बहुत से मौके दिए.' कोहली ने कहा, 'धोनी युवाओं में विश्वास करते थे. वह युवा खिलाड़ियों को मौका देने के पक्षधर थे. अगर आप उनकी शैली पर गौर करें तो वह हमेशा एक ही टीम के साथ खेलना पसंद करते थे, क्योंकि वह खिलाड़ियों को भरपूर मौका देने के पक्षधर थे, ताकि एक क्रिकेट खिलाड़ी के तौर पर वे बेहतर तरीक से परिपक्वता हासिल कर सकें.'

'जज्बात पर काबू रखने के लिए करूंगा मेहनत'
अपने आक्रामक रवैये को जस का तस रखते हुए कोहली जज्बात पर काबू करके बतौर कप्तान खुद को निखारना चाहते हैं. मैदान पर आक्रामकता के लिए कोहली की कई बार आलोचना होती है. उन्हें कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी से सीखने की भी सलाह दी जाती है. कोहली ने कहा, 'विरोधी टीम को आपको भांपने का मौका नहीं देना चाहिए. मैं यह समझता हूं. अच्छा कप्तान वही है जो अपने जज्बात जाहिर नहीं होने दे. यह बहुत अहम है और मैं इस पर मेहनत करूंगा.'

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