
इंटरनेशनल क्रिकेट में पदार्पण के साथ ही अपनी धाक जमाने वाले श्रीलंकाई स्पिनर अजंता मेंडिस ने खोला है एक राज. दुनिया के सभी बल्लेबाज इस युवा श्रीलंकाई स्पिनर की गेंदों का सामना करने से बचना चाहते थे.
जबरदस्त तरीके से किया था डेब्यू
मेंडिस की बलखाती गेंदों का जवाब किसी भी बैट्समैन के पास नहीं होता था फिर चाहे वो क्रिकेट के भगवान हों या स्पिनरों पर स्टेडियम पार छक्के जमाने वाले बंगाल टाइगर. उस दौर में मेंडिस ने अपनी उंगलियों के जादू के दम पर सभी बल्लेबाजों को बेबस कर रखा था. लेकिन फिर एकाएक परिस्थितियां बदलीं और विश्व क्रिकेट में जितनी तेजी से मेंडिस आए थे उतनी ही तेजी से गायब भी हो गए.
सहवाग और धोनी ने की धुलाई
अपनी पदार्पण टेस्ट सीरीज में मेंडिस ने भारत के खिलाफ घरेलू मैदान में तीन टेस्ट मैचों में 26 विकेट झटक डाले थे. लोगों को लगा कि श्रीलंका को दूसरा मुरलीधरन मिल गया है लेकिन फिर धीरे-धीरे शुरू हुए मेंडिस के बुरे दिन. पहले विरेंदर सहवाग और फिर महेंद्र सिंह धोनी ने उनकी गेंदों को सटीक तरीके से पढ़ना शुरू किया. इन दोनों ने मिलकर बड़ी आसानी से मेंडिस का तिलिस्म ढहा दिया. और फिर इनके वीडियो देख-देख कर सभी बल्लेबाजों ने मेंडिस को धोना शुरू कर दिया.
सबसे खतरनाक बैट्समैन हैं सहवाग
और आज हालात ये है कि 2008 में इंटरनेशनल क्रिकेट में पदार्पण करने वाले मेंडिस पिछले सात सालों में सिर्फ 19 टेस्ट खेल पाए हैं. इस बारे में मेंडिस ने खुद एक इंटरव्यू में कहा, 'मैंने कई इंटरनेशनल बैट्समैनों को बॉलिंग की है, लेकिन उन सब में से भारत के महेंद्र सिंह धोनी और विरेंदर सहवाग मेरी गेंदों को सबसे बढ़िया ढंग से खेलते थे. खास तौर से सहवाग को तो आप खराब गेंद बिलकुल भी नहीं कर सकते.'