
विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह ने 39 भारतीयों को ढूंढने में जो मशक्कत की है वो काबिलेतारीफ है, हालांकि जिनकी तलाश में उन्होंने यह सब कुछ किया वो अब हमारे बीच नहीं हैं. आज तक से खास बातचीत में जनरल वीके सिंह ने कहा कि वह इराक की उन सारी एजेंसियों से संपर्क में थे जिनके जरिए उनको लग सकता था कि हमारे देश के 39 भारतीय मिल सकते हैं.
उन्होंने बताया कि इसके लिए हमने साइंटिफिक तौर पर डीप पेनीट्रेटिंग रडार का सहारा लिया. वहीं इराकी एजेंसियों ने हमारी पूरी मदद की है. उन्होंने बताया कि 39 भारतीयों के पार्थिव शरीर को लाने की प्रक्रिया में 10 से 11 दिन लगेंगे.
उन्होंने कहा, 'हम खुद यहां से इराक जा रहे हैं और एयरफोर्स के विमान के जरिए 39 भारतीयों के पार्थिव शरीर को लेकर आएंगे. इराक में मारे गए 39 भारतीयों के परिजनों को उनके पार्थिव शरीर को सौंपा जाएगा. सबसे पहले एयरफोर्स का विमान अमृतसर उतरेगा क्योंकि ज्यादातर लोग पंजाब और हिमाचल प्रदेश के हैं, इसलिए उनके परिवार वालों से मिलकर उनके पार्थिव शरीर को सौंप दिया जाएगा.'
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विपक्ष इसको लेकर सवाल उठा रहा है, लेकिन ऐसे नाजुक मौके पर विपक्ष को कम से कम सुषमा स्वराज जब सदन में बोल रही थी तो उनको बोलने देना चाहिए था. विपक्ष ने तो यह भी नहीं समझा कि 2 मिनट की खातिर देश के इन नौजवानों के लिए मौन रखा जाए.