
देश की तीसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया को एक बार फिर घाटा हुआ है. चालू वित्त वर्ष 2020-21 की अप्रैल-जून तिमाही में वोडाफोन आइडिया का शुद्ध घाटा बढ़कर 25,460 करोड़ रुपये पहुंच गया है. इस खबर की वजह से शुक्रवार को कारोबार के दौरान कंपनी के शेयर भी धड़ाम हो गए. शुरुआती कारोबार के दौरान कंपनी के शेयर में एक फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है.
कितना हुआ है घाटा
वोडाफोन आइडिया ने बताया कि एक साल पहले इसी तिमाही में कंपनी को 4,874 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. वहीं, कंपनी की आय में भी गिरावट आई है और यह घटकर 10,659.3 करोड़ रुपये हो गया है. एक साल पहले इसी तिमाही में आय 11,269.9 करोड़ रुपये थी.
क्या है घाटे की वजह
दरअसल, वोडाफोन आइडिया को जून तिमाही में एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) बकाया के मद में 19,440.5 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान करना पड़ा. आपको बता दें कि देश की दिग्गज टेलीकॉम कंपनियों से सरकार ने एजीआर बकाये की मांग की है. ये बकाया संचार मंत्रालय के दूरसंचार विभाग (DoT) का है. एजीआर में मुख्य तौर पर यूजेज और लाइसेंसिग फीस शामिल होते हैं.
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इस बकाये का सबसे बड़ा दबाव वोडाफोन-आइडिया पर है. वोडाफोन आइडिया को 50 हजार करोड़ से ज्यादा की रकम देनी थी, इसमें से कुछ रुपये का भुगतान किया जा चुका है.
कोरोना का भी असर
वोडाफोन आइडिया ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए लगाए गए ‘लॉकडाउन’ का भी पहली तिमाही के वित्तीय परिणाम पर असर पड़ा है. वोडाफोन आइडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी रवीन्द्र टक्कर ने कहा कि लॉकडाउन के कारण स्टोर बंद होने से फोन रिचार्ज उपलब्धता और आर्थिक नरमी से ग्राहकों के रिचार्ज कराने की क्षमता पर असर पड़ा.