
नेपाल की नौ महीने पुरानी केपी ओली सरकार के खिलाफ संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर रविवार को मतदान होने जा रहा है. सरकार को समर्थन दे रहे माओवादी का समर्थन वापस लेने और संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाने के बाद अन्य सत्तारूढ़ घटक दल एक के बाद एक ओली का साथ छोड़ते जा रहे हैं.
अविश्वास प्रस्ताव पर तीन दिन से चर्चा
अविश्वास प्रस्ताव पर पिछले तीन दिन से चर्चा जारी है. इसी दौरान ओली सरकार का महत्वपूर्ण घटक रहे राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी और फोरम लोकतांत्रिक सहित कुछ और छोटे दलों ने सरकार से अलग होने और अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करने का फैसला किया है.
बहुमत के लिए 298 सांसदों का समर्थन चाहिए
इसके साथ ही ओली सरकार के विपक्ष में कुल 376 सांसद हो गए हैं, जबकि पक्ष में सिर्फ 223 सांसद बच गए हैं. नेपाल की संसद में कुल संख्या 597 की है. इसमें बहुमत के लिए 298 सांसदों के समर्थन की आवश्यकता है.
प्रचंड की अगुवाई में सरकार बनाने की कोशिश
82 सांसदों वाले माओवादी पार्टी के अविश्वास प्रस्ताव को संसद की सबसे बडी पार्टी नेपाली कांग्रेस के 207 और मधेशी मोर्चा के 43 सांसदों का पहले ही समर्थन मिल चुका है. साथ ही इन तीनों प्रमुख दल में माओवादी के सुप्रीमो प्रचंड के नेतृत्व में नई सरकार गठन करने को लेकर लिखित सहमति भी हो चुकी है.