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EXCLUSIVE: एमपी ही नहीं अन्य राज्यों से भी जुड़े हैं व्यापम घोटाले के तार

प्रोफेशनल और भर्ती परीक्षाओं में धांधली के बड़े नेटवर्क को लेकर चर्चा में आए मध्य प्रदेश के व्यापम घोटाले के बारे में एक बड़ा खुलासा हुआ है. इस घोटाले को लेकर जांच के दायरे में आए लोगों के तार यूपी में हुई परीक्षाओं से भी जुड़े हुए हैं.

व्यापम घोटाले में रोज हो रहे हैं नए नए खुलासे व्यापम घोटाले में रोज हो रहे हैं नए नए खुलासे
संदीप कुमार सिंह
  • भोपाल,
  • 21 अक्टूबर 2016,
  • अपडेटेड 7:43 AM IST

प्रोफेशनल और भर्ती परीक्षाओं में धांधली के बड़े नेटवर्क को लेकर चर्चा में आए मध्य प्रदेश के व्यापम घोटाले के बारे में एक बड़ा खुलासा हुआ है. इस घोटाले को लेकर जांच के दायरे में आए लोगों के तार यूपी में हुई परीक्षाओं से भी जुड़े हुए हैं.

अन्य राज्यों में भी फैले हैं गिरोह के तार
हमारे सहयोगी मेल टुडे के हाथ लगे दस्तावेजों से खुलासा हुआ है कि मध्य प्रदेश पीएमटी परीक्षा में शामिल हुए 20 फर्जी उम्मीदवार यूपी में 2010 में यूपी प्री-मेडिकल कंबाइंड परीक्षा में भी शामिल हुए थे और उसमें सफलता भी हासिल की थी. इन लोगों के खिलाफ मध्य प्रदेश में व्यापम स्कैम को लेकर जांच हो रही है. लेकिन जांच में इन बातों का खुलासा हुआ है कि ये गिरोह अन्य राज्यों में भी नकली परिक्षार्थियों को उतारता था और उसमें इनके उम्मीदवार लगातार सफल हो रहे थे.

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एसटीएफ की जांच में कई खुलासे
इस मामले का खुलासा तब हुआ जब इंदौर पुलिस की क्राइम ब्रांच ने ऐसे 20 फर्जी परीक्षार्थियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया. ये एफआईआर मध्य प्रदेश में 2013 के स्टेट पीएमटी परीक्षा में धांधली को लेकर दर्ज की गई. इस जांच के दौरान खुलासा हुआ कि अन्य राज्यों में मेडिल प्रवेश की परीक्षा के दौरान भी ये गिरोह धांधली का पूरा नेटवर्क चला रहा है.

345 परीक्षार्थियों की उम्मीदवारी रद्द
मध्य प्रदेश व्यसायिक परीक्षा मंडल यानी व्यापम ने 9 अक्टूबर 2013 को एक आदेश जारी किया था जिसके तहत 345 ऐसे उम्मीदवारों की पात्रता रद्द कर दी गई थी जो एडमिशन प्रक्रिया में फर्जी उम्मीदवारों का अन्य तरीकों से धांधली कर रहे थे. एमपी एसटीएफ की जांच के बाद पांच सदस्यीय कमेटी ने इसकी सिफारिश की थी. मेल टुडे के अनुसार हासिल किए गए दस्तावेजों से साफ होता है कि इन 345 उम्मीदवारों में से 3 ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट में भी शामिल हुए थे. इनमें से एक कृष्ण कुमार यादव जिसका AIPMT परीक्षा में रोल नंबर 84531225 था ने 345 अंक हासिल किए. इस परीक्षा में ओबीसी कटेगरी में कट ऑफ था 323. हैरत की बात है कि यही शख्स MPPMT परीक्षा में अनारक्षित कोटा में शामिल होता है और वह भी जनरल कटेगरी से. इसी तरह से दो और फर्जी परीक्षार्थियों के बारे में खुलासे हुए.

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फर्जी परीक्षार्थियों को कराते थे शामिल
ये तीनों AIPMT 2014 परीक्षा में भी शामिल हुए थे. एमपी एसटीएफ ने इनकी पहचान फर्जी परीक्षार्थियों के रूप में की. एडमिट कार्ड में इनकी फोट से पहचान की गई. लेकिन इनका पता नहीं लगाया जा सका. व्यापम घोटाले में रोज नए नए खुलासे हो रहे हैं. एसटीएफ का कहना है कि पूरे नेटवर्क का खुलासा करने पर जोर है साथ ही इसमें शामिल लोगों को सामने लाना हमारी प्राथमिकता है.

यूपीसीपीएमटी परीक्षा में भी धांधली
मेल टुडे ने UPCPMT 2010 परीक्षा की मेरिट लिस्ट को भी खंगाला को वहां से भी बड़े खुलासे हुए. तीन रोल नंबर- 558228, 578263 और 569433 वाले छात्रों ने सभी कोर्सों में परीक्षा में सफलता हासिल की थी. एसटीएफ के एक अधिकारी ने बताया कि यह कहना बहुत मुश्किल है कि इस गिरोह ने अपना काम 2010 से ही शुरू किया.

सबके हिस्से फिक्स थे
अंदरखाने की बातें ये भी सामने आईं कि एमबीबीएस की एक सीट के लिए 25 से 30 लाख तक ये गिरोह वसूलता थी. इसमें गैं चलाने वालों, अधिकारियों और सबकी मिलीभगत थी और सबसे हिस्से बंटे हुए थे. नकली परीक्षार्थी के रूप में शामिल होने वालों को दो से तीन लाख तक मिलते थे.

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