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व्यापम घोटाला: CM शिवराज को CBI की क्लीनचिट, दिग्विजय के आरोपों को किया खारिज

दिग्विजय सिंह और याचिकाकर्ता प्रशांत पाण्डेय ने आरोप लगाया था कि व्यापमं के अधिकारी नीतीश मोहिंदर के कम्प्यूटर हार्ड डिस्क के साथ छेड़खानी की गई है और 48 बार फाइल में से सीएम शब्द को निकाला गया है.

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
कौशलेन्द्र बिक्रम सिंह/मुनीष पांडे
  • भोपाल,
  • 31 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 7:18 AM IST

व्यापमं घोटाले में सीबीआई ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को बड़ी राहत दी है. सीबीआई ने अपनी जांच में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के उन आरोपों को खारिज कर दिया जिसमें दिग्विजय ने आरोप लगाया था कि शिवराज सिंह चौहान को बचाने के लिए हार्ड डिस्क से छेड़छाड़ किया गया है.

आरोपों के बाद अदालत ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी. मामले की जांच कर रही सीबीआई ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में व्यापम मामले में चार्जशीट दायर की, जिसमें 490 लोगों को आरोपी बनाया गया है. साथ ही सीबीआई ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा है कि जांच एजेंसियों द्वारा जब्त की गई हार्ड डिस्क के साथ किसी तरह की कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है. सीबीआई ने हार्ड डिस्क की फोरेंसिक जांच भी कराई थी.

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दिग्विजय सिंह और याचिकाकर्ता प्रशांत पाण्डेय ने आरोप लगाया था कि व्यापमं के अधिकारी नीतीश मोहिंदर के कम्प्यूटर हार्ड डिस्क के साथ छेड़खानी की गई है और 48 बार फाइल में से सीएम शब्द को निकाला गया है. प्रशांत पाण्डेय ने इसके लिए बतौर सबूत एक पेन ड्राइव भी सीबीआई को मुहैया कराई थी. सीबीआई ने इस पेन ड्राइव और हार्ड डिस्क को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया था. जांच में पाया गया कि हार्ड डिस्क से किसी तरह की छेड़खानी नहीं की गई है. प्रशांत पाण्डेय ने इस सिलसिले में जो सबूत सीबीआई को दिए थे उसे बनाया गया था और वो पूरी तरह से गलत थे.

सीबीआई ने जिन 490 लोगों की खिलाफ चार्जशीट दायर की हैं उसमें 84 नए आरोपी हैं. 84 में से 67 इंजन (वो परीक्षार्थी जो नकल करवाता था) और बोगी (वो परीक्षार्थी जो नकल करता था), 1 बिचौलिया और 22 अभिभावक शामिल हैं. इंजन और बोगी कोड हुआ करते थे और रैकेट में शामिल शख्स व्यापमं के अधिकारियों के साथ मिलकर रोल नंबर में ऐसा हेरफेर करते थे की इंजन आगे बैठे और उसके ठीक पीछे बोगी बैठे ताकि वो आराम से इंजन से नकल कर सके.

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सीबीआई के मुताबिक ज्यादातर इंजन यूपी, एमपी, दिल्ली, राजस्थान और बिहार के उन कोचिंग क्लास के थे जो पढ़ने में तेजतर्रार थे. इन तक पहुंचने के लिए सीबीआई ने मेडिकल कॉलेज और कोचिंग क्लास में पढ़ने वाले छात्रों के रिकॉर्ड खंगाले.

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