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मध्यप्रदेश के बहुचर्चित व्यापम मामले के व्हिसलब्लोअर और सरकारी डॉक्टर डॉ. आनंद राय का इंदौर से धार
तबादला कर दिया है.
दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट ने इस घोटाले से संबंधित सभी मामलों को सीबीआई को सौंपे जाने
तक मध्य प्रदेश पुलिस की एसआईटी और एसटीएफ को आरोपपत्र दायर करने की अनुमति दी है.
बीजेपी नेता के खिलाफ दर्ज कराई थी शिकायत
दरअसल, राय का तबादला उस वक्त किया गया जब उन्होंने कुछ दिनों पहले ही सीबीआई के पास बीजेपी के
वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री विक्रम वर्मा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.
राय ने आरोप लगाया था कि वर्मा ने अपनी पहुंच और राजनीतिक ताकत का उपयोग कर गाजियाबाद के निजी
संतोष मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस कोर्स कर रही अपने बेटी का भोपाल के सरकारी गांधी चिकित्सा
महाविद्यालय में तबादला कराया था.
डॉ. राय की पत्नी भी सरकारी डॉक्टर हैं. पिछले महीने सरकार ने महू के सिविल अस्पताल से उनका तबादला उज्जैन जिला अस्पताल में कर दिया था.
तबादले के खिलाफ कोर्ट जाएंगे डॉ. आनंद राय
तबादले से बेफिक्र डॉ. राय ने कहा कि वह अपने तबादले के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे. वह मध्य
प्रदेश के चिकित्सा विभाग के इंदौर स्थित प्रशिक्षण संस्थान में पोस्टेड थे. उन्होंने कहा, 'मैंने व्यापम घोटाला
उजागर किया और वर्मा के खिलाफ 17 जुलाई को सीबीआई से शिकायत की थी, इसलिए मुझे परेशान किया जा
रहा है. जो लोग गलत काम कर रहे हैं, वही प्रदेश को चला रहे हैं.'
राय का तबादला आम बात: स्वास्थ्य आयुक्त
स्वास्थ्य आयुक्त पंकज अग्रवाल ने कहा, 'राय धार में तैनात थे लेकिन इंदौर स्थित विभाग अटैच थे. सरकार
इस तरह के सभी अटैचमेंट को खत्म कर दिया है. यह आम बात है.'
विधानसभा सत्र में गर्म रहा मुद्दा
राज्य विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन व्यापम मुद्दे को लेकर जमकर हंगामा हुआ. विपक्षी सदस्यों ने
इस मामले से जुड़े उन ‘व्यापम शहीदों’ को श्रद्धांजलि देने की मांग की जिनकी रहस्यमई परिस्थितियों में मौत हो
गई.
IANS से इनपुट