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REVIEW: सिर्फ एक्शन नहीं, दमदार सस्पेंस थ्रिलर है ऋतिक-टाइगर की वॉर

गांधी जयंती यानि अहिंसा दिवस के मौके पर जबरदस्त मारधाड़ से भरपूर फिल्म वॉर रिलीज कर दी गई है. ऋतिक रोशन और टाइगर श्रॉफ स्टारर ये फिल्म कैसी है और इसे क्यों देखने या नहीं देखने जाना चाहिए. चलिए जानते हैं इस रिव्यू में.

ऋतिक रोशन और टाइगर श्रॉफ ऋतिक रोशन और टाइगर श्रॉफ
पुनीत पाराशर
  • नई दिल्ली,
  • 02 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 6:56 PM IST
फिल्म:वॉर
3.5/5
  • कलाकार :
  • निर्देशक :सिद्धार्थ आनंद

फिल्म वॉर का जब ट्रेलर वीडियो रिलीज किया गया तो ज्यादातर लोग इससे निराश नजर आए. वजह ये थी कि फिल्म के ट्रेलर वीडियो में एक्शन सीन्स की भरमार कर दी गई थी और रिलेवेंसी के नाम पर ट्रेलर निल बट्टे सन्नाटा था. अच्छी बात ये है कि फिल्म के मामले में ऐसा नहीं है. सबसे पहले तो वो जरूरी बात जिसके लिए आप कोई भी फिल्म रिव्यू पढ़ना चाहते हैं. फिल्म देखने लायक है और यदि आप टिकट खरीदते हैं तो आपके पैसे और वक्त बरबाद नहीं होगा.

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अब आगे हम आपको ये बताने जा रहे हैं कि आपको फिल्म क्यों देखनी चाहिए और आपको इसमें क्या चीजें अलग देखने को मिलेंगी. फिल्म के बारे में एक खास बात जो ज्यादातर लोगों ने ट्रेलर देखने के दौरान मिस की, वो ये है कि फिल्म सिर्फ एक्शन नहीं है. ये सस्पेंस, थ्रिलर और मिस्ट्री भी है जिसे आप आखिरी तक सुलझाने की कोशिश करते रहेंगे और राज आखिरकार क्लाइमैक्स से ठीक पहले आकर खुलता है.

जो सवाल आपको फिल्म में लगातार इंगेज किए रहते हैं वो ये हैं-

1. वॉर आखिर किन के बीच हो रहा है?

2. फिल्म के आखिरी में वॉर कौन जीतने वाला है?

3. विलेन ऋतिक-टाइगर में से एक है या कोई और?

4. क्या ऋतिक के किरदार की मौत हो जाती है?

फिल्म किसी रोलरकोस्टर राइड की तरह है जिसमें इमोशन्स हैं और एक्शन भी. थ्रिलर है और सस्पेंस भी. म्यूजिक मस्ती है और पहेलियां भी. फिल्म खुद को स्टैबलिश करने में वक्त नहीं लगाती है और पहले ही सीन के साथ कहानी का एंगल आपके दिमाग में क्लीयर हो जाता है. मजेदार बात ये है कि जब आप विलेन को पकड़ने के लिए एक दिशा में सोच रहे होते हैं तभी फिल्म आपको दूसरा एंगल पकड़ा कर हैरान कर देती है.

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क्या है कहानी?

भारतीय सेना के स्पेशल मिशन हैंडल करने वाले मेजर कबीर लूथरा (ऋतिक रोशन) भारतीय सेना से गद्दारी करके बागी हो गए हैं. कबीर फरार हैं और अब भारत के लिए ही खतरा बन चुके हैं. ऐसे में सेना खालिद खान (टाइगर श्रॉफ) को कर्नल लूथरा (आशुतोष राणा) ये जिम्मेदारी देते है कि वह कबीर को ढूंढ निकाले, और उसे खत्म कर दे. खालिद को मेजर कबीर ने ही ट्रेनिंग दी और दोनों एक दूसरे की ताकत और कमजोरियों से अच्छी तरह वाकिफ हैं.

खालिद के पिता एक आतंकवादी थे और यही वजह थी कि कबीर ने उसे अपनी टीम में लेने से पहले हजार बार सोचा था. हालांकि खालिद कबीर का भरोसा जीत पाने में कामयाब रहा और उसने कबीर की टीम में जगह बना ली. अब जब खालिद के पास कबीर को ही जान से मारने के ऑर्डर्स हैं तो ये सवाल लगातार उसके दिमाग में घूम रहा है कि देश के लिए जान भी दे सकने वाला कबीर आखिर अचानक बिना किसी वजह बागी क्यों हो गया है?

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कबीर के बागी हो जाने की वजह क्या है? वह क्यों अचानक अपने ही देश का दुश्मन बन गया है? क्या टाइगर श्रॉफ ये वॉर जीतने वाले हैं या ऋतिक रोशन? कहानी का असली विलेन कौन है? इसी तरह के तमाम सवालों का जवाब जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी. आइए अब बात करते हैं फिल्म से जुड़ी बाकी जरूरी चीजों पर.

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स्क्रिप्ट-

फिल्म की स्क्रिप्ट काफी टाइट और खूबसूरती के साथ लिखी गई है. हर किरदार खुद को जस्टिफाई करता है और आप कन्फ्यूज नहीं होते. सिद्धार्थ आनंद और आदित्य चोपड़ा ने दर्शकों को उस हालत में ला दिया है जहां आइसक्रीम बेचने वाला आपके हाथ में एक कोन पकड़ा कर दूसरा छीन लेता है और बाद में वही कोन दोबारा आपके हाथ में आ जाता है. आप आखिरी तक आइसक्रीम का वेट करते हैं और जब आइसक्रीम आपके हाथ में आती है तो वो खुशी कमाल की होती है.

म्यूजिक-

फिल्म में सिर्फ दो गाने हैं लेकिन उनका कंपोजीशन और लिरिक्स आपका मनोरंजन करने के लिए पर्याप्त रूप से दमदार हैं. विशाल-शेखर ने 'जय जय शिव शंकर' में कमाल कर दिया है और बाकी का खेल कैमरा वर्क और ऋतिक-टाइगर के डांस मूव्स ने जीत लिया है. डैनियल बी. जॉर्ज का दिया बैकग्राउंड स्कोर भी बढ़िया है. आप सिचुएशन के हिसाब से बीट्स और इमोशन्स के उतार-चढ़ाव को मिस नहीं करते हैं.

कुल मिलाकर तकरीबन 200 करोड़ रुपये के बजट से बनी फिल्म वॉर एक अच्छी एंटरटेनिंग फिल्म है. निर्देशक सिद्धार्थ आनंद ने हवा, समंदर और बर्फ में फिल्माए गए सीन्स में अपना हुनर दिखाया है. फिल्म एक अलग लेवल का एक्शन दिखाती है और जहां तक बात है वाणी कपूर के किरदार की तो वह बहुत कम वक्त के लिए स्क्रीन पर आती हैं लेकिन उन्हें जितना भी काम दिया गया है वो उन्होंने बखूबी किया है.

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