
अमेरिका ने शनिवार को कतर में तालिबान के साथ वार्ता फिर से शुरू कर दी है. माना जा रहा है कि अमेरिका और कतर के बीच से हिंसा होगी और अफगानिस्तान में संघर्ष विराम बहाल होगा. इससे करीब तीन महीने पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वार्ता को रद्द कर दिया था.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने काबुल में तालिबान के हमले के बाद बातचीत को रद्द किया था. इस हमले में एक अमेरिकी सैनिक की मौत हो गई थी. ट्रंप का यह फैसला ऐसे माहौल में सामने आया था, जब तालिबान और अमेरिका करार के करीब पहुंचते दिख रहे थे. अगर यह करार हो जाता तो सुरक्षा गारंटी के बदले में अमेरिकी सैनिकों की अफगानिस्तान से वापसी होती.
अफगानिस्तान में शांति बहाली के लिए वार्ता शुरू करने को अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि जलमई खलीलजाद दोहा पहुंच गए हैं. वो जल्द ही तालिबान वार्ताकारों के साथ फिर से वार्ता शुरू करेंगे. बुधवार को अमेरिकी विदेश विभाग ने घोषणा की थी कि अमेरिका शांति वार्ता में फिर से शामिल होगा.
बताया जा रहा है कि अमेरिका के साथ समझौते को अंतिम रूप देने के बाद तालिबान हमलों को कम करने के लिए प्रतिबद्ध होगा. दोहा पहुंचने से पहले खलीलजाद दो दिनों के लिए काबुल में थे. इस दौरान उन्होंने अफगानिस्तान के शीर्ष सरकारी अधिकारियों और पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई समेत कई राजनेताओं के साथ बातचीत की थी. करजई के पूर्व सलाहकार शहजादा मसूद ने कहा कि तीन विषयों पर चर्चा हुई है. पहले अमेरिका और तालिबान बातचीत फिर से शुरू करेंगे और वो हिंसा में कमी और अंतर-अफगान वार्ता पर फोकस करेंगे.