
म्यांमार के मंडाले अंतरराष्ट्रीय हवाई अ़ड्डे पर रविवार को बड़ा हादसा टल गया. लोगों की सांसें उस वक्त थम गईं जब म्यांमार नेशनल एयरलाइंस के एक विमान ने पिछले पहियों के जरिए इमरजेंसी लैंडिंग की. विमान में 82 यात्री और 7 क्रू मेंबर्स थे, जो पूरी तरह सुरक्षित हैं. यह घटना सुबह 9 बजे की है. दरअसल फ्लाइट संख्या यूबी103 के आगे के पहिये नहीं खुलने से पायलट ने विमान को रनवे पर पिछले पहियों की मदद से उतारा. जैसे ही विमान लैंड हुआ, इसका आगे का हिस्सा रनवे पर घसीटते हुए रुका और उसमें से चिंगारियां निकलने लगीं. अगर थोड़ी सी चूक होती तो अंजाम पिछले हफ्ते रूस में हुए विमान हादसे जैसा हो सकता था, जिसमें 41 लोग मारे गए थे. लैंडिंग के वक्त यह विमान आग का गोला बन गया था.
एयरपोर्ट के प्रवक्ता क्यो सैन ने कहा, पायलट ने लैंडिंग से पहले कंट्रोल टावर को बताया था कि वह विमान के आगे के पहिये खोल नहीं पा रहा है. विमान की लैंडिंग का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि प्लेन ने किन हालात में लैंडिंग की है. ऐसे मुश्किल वक्त में धैर्य न खोने और यात्रियों की जान बचाने के लिए पायलट को बधाइयां मिल रही हैं. मंडाले के मुख्यमंत्री ने खासतौर पर उनसे मिलकर इस साहसिक काम के लिए हाथ मिलाया.
ऐसे की विमान ने लैंडिंग
विमान में गड़बड़ी का म्यांमार में पिछले एक हफ्ते में यह दूसरा मामला है. बुधवार को यंगून एयरपोर्ट पर तूफान के दौरान बांग्लादेश एयरलाइंस का एक विमान लैंडिंग के वक्त रनवे पर फिसल गया था, जिसमें 11 यात्री घायल हो गए थे. म्यांमार सिविल एविएशन डिपार्टमेंट के डिप्टी डायरेक्टर जनरल ये हुतुत ओंग ने कहा, पायलट ने लगातार फ्रंट लैंडिंग गियर को चलाने की कोशिश की. पहले कंप्यूटर सिस्टम के जरिए और फिर मैन्युअली.
ओंग ने कहा, पायलट ने दो बार ऐसा किया और पूछा कि आगे के पहिये बाहर निकले या नहीं. जब ऐसा नहीं हुआ तो उसके पास पीछे के पहियों के जरिए विमान को लैंड कराने का विकल्प बचा था, जिसे पायलट ने शानदार तरीके से अंजाम दिया. इस घटना में किसी यात्री या क्रू मेंबर को चोट नहीं आई. एक यात्री सोई मोई ने बताया, ''लैंडिंग के बाद विमान से धुआं निकल रहा था लेकिन सभी यात्री सुरक्षित हैं.''
मॉनसून का मौसम अक्सर म्यांमार में कमर्शियल और मिलिट्री फ्लाइट्स के आवागमन में दिक्कत पैदा करता है. साल 2017 में एक मिलिट्री विमान अंडमान सागर में क्रैश हो गया था. इस हादसे में 122 लोगों की मौत हो गई थी. यह देश के इतिहास के सबसे बुरे विमान हादसों में से एक था. इस घटना के लिए प्रशासन ने बुरे मौसम को जिम्मेदार ठहराया था. साल 2015 में एयर बगान का यात्री विमान खराब मौसम और भारी बारिश के कारण रनवे पर फिसल गया था.