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शिव'राज' में पानी को तरस रहा एक गांव, 3 साल से बूंद-बूंद को मोहताज

शिवराज सिंह चौहान सरकार मध्य प्रदेश में विकास और सुशासन के दावे करते नहीं थकती. वहीं खरगोन जिले का एक गांव बीते 3 साल से बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहा है.

खरगोन जिले का ग्राम पंचायत रोमचिचली में पानी की कतार खरगोन जिले का ग्राम पंचायत रोमचिचली में पानी की कतार
खुशदीप सहगल
  • खरगोन,
  • 06 अप्रैल 2017,
  • अपडेटेड 8:32 PM IST

शिवराज सिंह चौहान सरकार मध्य प्रदेश में विकास और सुशासन के दावे करते नहीं थकती. वहीं खरगोन जिले का एक गांव बीते 3 साल से बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहा है. इस गांव के लोगों को आरोप है कि उन्हें ये सजा गांव सरपंच की वजह से मिल रही है क्योंकि ग्राम पंचायत चुनाव में उन्होंने उसे वोट नहीं दिया था. सरपंच सुमन मोरे बीजेपी से जुड़ी हैं.

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खरगोन जिला मुख्यालय से करीब 20 किमी दूर ग्राम पंचायत रोमचिचली की आधी आबादी पीने के पानी के लिए मोहताज है. आरोप के मुताबिक नवलपुरा इलाके के करीब 300 परिवार ग्राम पंचायत चुनाव में मौजूदा सरपंच सुमन मोरे को वोट नहीं देने की सजा भुगत रहे हैं. इनके घरों में पीने के पानी की सप्लाई बंद है. नवलपुरा क्षेत्र में पानी की लाइन तो हैं लेकिन सभी नल सूखे पड़े हैं.

गांव वालों के मुताबिक तीन साल पहले जब से ग्राम पंचायत चुनाव के नतीजे आए, तब से ही उनके लिए ये स्थिति बनी हुई है. ऐसे में लोगों को या तो मोटर पंपों का सहारा लेना पड़ रहा है या नवलपुरा में लगे इकलौते हैंडपंप का. लेकिन इस हैंडपंप पर इतनी भीड़ हो जाती है कि पहले पानी भरने के लिए झगड़ों तक की नौबत आ जाती है.

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कुएं हैं भी तो गांव से दो किलोमीटर दूर. यहां से महिलाओं को जान जोखिम में डाल कर पानी लाना पड़ता है. नवलपुरा की रहने वालीं निर्मला भटोरे कहती हैं कि रात के 2-2 बजे तक पानी के लिए भटकना पड़ता है. औरों को पानी देते हैं लेकिन हमारे इलाके में नहीं देते. वहीं बनू बाई के मुताबिक सरपंच का कहना है कि वोट नहीं दिया इसलिए पानी नहीं मिलेगा.

ग्राम पंचायत के उपसरपंच रूम सिंह मेहता भी गांव वालों की बात का समर्थन करते हैं. उनका कहना है कि सरपंच को बोलने जाओ तो जवाब मिलता है कि पानी के लिए यहां नहीं आया करो वरना कोई झूठा इल्जाम लगा दिया जाएगा. मेहता के मुताबिक कलेक्टर से भी इस मामले में दो बार गुहार लगा चुके हैं.

वहीं सरपंच सुमन मोरे की ओर से उनके प्रतिनिधि और बेटे राहुल मोरे पानी ना देने के आरोपों को निराधार बताते हैं. उनका कहना है कि किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जा रहा. कई लोग अलग लाइन से पानी ले रहे हैं. गांव में पानी की समस्या पहले से ही है. पानी के स्रोत के स्थान पर 10 घंटे ही बिजली मिलती है इसलिए कुछ स्थानों पर पानी नहीं पहुंच पा रहा है.

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इस मुद्दे पर जनपंचायत खरगोन के सीईओ राजेंद्र शर्मा से संपर्क किया गया तो उनका कहना था कि गांव में पानी की सप्लाई के लिए प्रस्ताव दे दिया है. मेन लाइन से कुछ लोगों ने कनेक्शन जोड़ रखा था जिसे कटवाने के लिए बोल दिया गया है. शर्मा के मुताबिक पानी पर्याप्त है और सरपंच को इस तरह नहीं बोलना चाहिए था. शर्मा ने जल्दी ही समस्या के समाधान का भरोसा दिया.

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