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उत्तराखंड: भारी बारिश ने मचाई तबाही, 10 की मौत, नैनीताल और उधमसिंह नगर में स्कूल बंद

नरेंद्रनगर के एसडीएम के. के. मिश्रा ने बताया कि हादसा दोपहर साढ़े बारह बजे भारी बारिश के बीच हुआ. मृतकों की पहचान ऋषिकेश निवासी वीरेश श्रीकोटी (32), उमेश रावत (33), मुकेश गुसाईं (33) और श्याम नौटियाल (25) के रूप में हुई है.

नैनीताल में 24 घंटे में 238.76 मिमी हुई बारिश नैनीताल में 24 घंटे में 238.76 मिमी हुई बारिश
अंजलि कर्मकार
  • देहरादून,
  • 17 जुलाई 2016,
  • अपडेटेड 10:21 AM IST

उत्तराखंड के टिहरी जिले में रविवार को एक कार पहाड़ी से हुए भूस्खलन की चपेट में आ गई, जिससे उसमें सवार सभी चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई. पिछले दो दिनों से उत्तराखंड के अधिकांश हिस्सों में लगातार भारी बारिश के कारण अब तक मरने वालों की संख्या 10 हो गई. वहीं, उधमसिंह नगर में भारी बारिश के कारण प्रशासन ने सोमवार को पांचवीं तक के सभी स्कूलों को बंद रखने के निर्देश दिए हैं.

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टिहरी जिले में ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर नरेंद्रनगर बाईपास के पास पहाड़ से भारी भूस्खलन होने से ऋषिकेश से चंबा की ओर से जा रही एक कार मलबे में दब गई. पुलिस, सीमा सड़क संगठन (बीआरओ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और सेना के जवानों ने मलबा हटाकर कार से शवों को बाहर निकाला.

नरेंद्रनगर के एसडीएम के. के. मिश्रा ने बताया कि हादसा दोपहर साढ़े बारह बजे भारी बारिश के बीच हुआ. मृतकों की पहचान ऋषिकेश निवासी वीरेश श्रीकोटी (32), उमेश रावत (33), मुकेश गुसाईं (33) और श्याम नौटियाल (25) के रूप में हुई है.

नैनीताल में 24 घंटे में 238.76 मिमी हुई बारिश
पिछले 24 घंटों में प्रदेश में सर्वाधिक 238.76 मिमी बारिश नैनीताल में दर्ज की गई, जबकि हलद्वानी में 214 मिमी, चोरगलिया में 156 मिमी, बागेश्वर में 120 मिमी, रामनगर में 117.06 मिमी, सोमेश्वर में 105 मिमी, अल्मोडा में 103.2 मिमी, सल्ट में 100 मिमी, देहरादून में 91.04 मिमी, कपकोट में 82.50 मिमी, गरूड़ में 80 मिमी, चौखुटिया और बडकोट में 75 मिमी बारिश दर्ज की गई. लगातार बारिश से प्रदेश में गंगा, यमुना और उनकी सहायक नदियों सहित अन्य नदियां भी उफान पर आ गई हैं. हरिद्वार में गंगा नदी का जलस्तर 292.80 मीटर तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान 294 मीटर से लगभग दो मीटर कम है.

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चार धाम और कैलाश-मानसरोवर यात्रा प्रभावित
लगातार बारिश होने से गंगा, यमुना और उनकी सहायक नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के पास पहुंच गया है. पहाड़ों से मलबा आने से राष्ट्रीय राजमार्गों सहित प्रदेश के कई मार्ग बाधित हो गए हैं और चार धाम यात्रा और कैलाश-मानसरोवर यात्रा भी प्रभावित हुई है.

राज्य आपदा प्रबंधन ने किया दौरा
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी प्रदेश में लगातार जारी भारी बारिश के मद्देनजर रविवार को राज्य आपदा प्रबंधन और न्यूनीकरण केंद्र (डीएमएमसी) का दौरा किया. अधिकारियों को हर संभावित स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा गया है.

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