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संयुक्त राष्ट्र में बोले जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति- 'गे नहीं हैं हम', समलैंगिकता का किया विरोध

संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच से सोमवार को जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे ने समलैंगिकता का कड़ा विरोध किया. साथ ही पश्चिमी देशों पर परंपरा और मान्यताओं के प्रति 'दोहरा मापदंड' अपनाने का भी आरोप लगाया.

जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 29 सितंबर 2015,
  • अपडेटेड 7:15 PM IST

संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच से सोमवार को जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे ने समलैंगिकता का कड़ा विरोध किया. साथ ही पश्चिमी देशों पर परंपरा और मान्यताओं के प्रति 'दोहरा मापदंड' अपनाने का भी आरोप लगाया.

रॉबर्ट मुगाबे ने कहा, 'हमारे (अफ्रीकी) मूल्यों और परंपराओं के खिलाफ बन रहे 'नए नियमों' को हम नामंजूर करते हैं. हम समलैंगिक नहीं हैं.' उन्होंने कहा, 'एक दूसरे के प्रति सहयोग और सम्मान से दुनियाभर में मानव अधिकारों को बल मिलेगा, विरोध और दोहरे मापदंड से नहीं.'

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समलैंगिक लोगों को सूअर से भी बदतर बताने वाले मुगाबे ने कहा, 'संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के मुताबिक मानव अधिकार का सम्मान और पालन करना सभी देशों के लिए अनिवार्य है. इसलिए हम मानवाधिकार से जुड़े अहम मुद्दों के राजनीतिकरण का बहिष्कार करते हैं.'

मुगाबे ने पश्चिमी देशों पर हमला करते हुए कहा, 'जो देश 'स्वघोषित निरीक्षकों' के अनुसार नहीं चलते, उन्हें प्रताड़ित किया जाता है. हम इसका विरोध करते हैं.'

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