
समाजवादी पार्टी के कुनबे की लड़ाई ऐसे समय में बाहर आई है, जब अखिलेश सरकार के साढ़े चार साल बीत गए हैं. इस लड़ाई में सबसे ज्यादा आहत महसूस कर रहे शिवपाल यादव ने बुधवार को दिल्ली में अपने बेटे आदित्य के साथ बड़े भाई मुलायम सिंह से मीटिंग की. इसके बाद वह कुछ राहत की सांस जरूर ले रहे होंगे.
मैराथन मीटिंग के बाद यूपी चुनाव पर निशाना
शिवपाल की राहत की ये सांसें साढ़े चार घंटे की मैराथन मीटिंग के बाद आई. 'आज तक' ने जब उनके मंत्री बने रहने की बात पूछी तो उन्होंने कहा कि मैं मंत्री हूं और मंत्री बना रहूंगा. नेताजी हमारे मुखिया हैं. नेताजी से निर्देश लेना है और जो भी निर्देश वो देंगे उसका हमें पालन करना है. हम खुश हैं, नेताजी खुश हैं. हमें जो जिम्मेदारी मिली है उसका पालन करना है. न परिवार में कुछ चल रहा है और न ही हम लोगों के अंदर नाराजगी है. हमारे अध्यक्ष बनने का एक ही मतलब है 2017 में उत्तर प्रदेश में प्रचंड बहुमत की सरकार बनानी है.
शाम होते ही बदले शिवपाल के सुर
दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी में मची कलह को लेकर लखनऊ का सियासी पारा पूरा दिन चढ़ा रहा. तीन अहम मंत्रालय छीने जाने से नाराज शिवपाल ने खूब बयानबाजी की लेकिन मुलायम का हर फैसला मानने की बात की. पहले ये खबर ये आई कि शिवपाल इस्तीफा देने पर अड़े हैं. वह अखिलेश कैबिनेट में काम न करने पर अड़े हैं. पर शाम होते-होते उनके सुर बदल गए. उन्होंने फिर वही राग अलापा कि नेताजी जो कहेंगे हम वही करेंगे.
संसदीय बोर्ड की बैठक में होगा डैमेज कंट्रोल
मुलायम सिंह ने मंगलवार रात उत्तर प्रदेश में पार्टी की कमान बेटे अखिलेश यादव से लेकर अपने छोटे भाई शिवपाल यादव को सौंप दी. इसके कुछ ही देर बाद अखिलेश ने एक कदम और बढ़ते हुए चाचा शिवपाल से तीन अहम मंत्रालय ही छीन लिए. भतीजे के इस कदम से शिवपाल इस कदर आहत हुए कि उन्होंने इस्तीफे की पेशकश कर दी. अब परिवार में डैमेज कंट्रोल के लिए मुलायम सिंह ने गुरुवार को संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई है.
फिलहाल दिल्ली में ही रुके शिवपाल
सपा में इन दिनों काफी उथल-पुथल मची हुई है. सोमवार को एक घंटे के भीतर दो कद्दावर मंत्रियों की छुट्टी के बाद मंगलवार सुबह मुख्य सचिव को भी हटा दिया गया. शाम होते-होते पार्टी ने एक और बड़ा फैसला ले लिया. मुलायम सिंह यादव ने शिवपाल यादव को समाजवादी पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष मनोनीत कर दिया. इस ऐलान के कुछ देर बाद अखिलेश ने शिवपाल यादव से पीडब्ल्यूडी, सिंचाई और राजस्व विभाग छीन लिए. शिवपाल के पास अब समाज कल्याण विभाग ही है. जानकारी के मुताबिक शिवपाल ने विभाग छीने जाने पर इस्तीफे की पेशकश की है. मामला बढ़ने पर मुलायम सिंह यादव ने शिवपाल से फोन पर बात की. मुलायम सिंह यादव से मीटिंग बाद अभी फिलहाल शिवपाल दिल्ली के यूपी सदन में ही रुक गए हैं.