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आडवाणी के बयान से जुदा RSS की राय- इमरजेंसी की आशंका नहीं

बीजेपी के सीनियर लीडर लालकृष्ण आडवाणी ने भले ही देश में आगे भी इमरजेंसी की आशंका जताई हो, पर RSS को ऐसा नहीं लगता. RSS के मनमोहन वैद्य ने ट्वीट करके भारत में आपातकाल लागू करने जैसे हालात को सिरे से खारिज कर दिया है.

आडवाणी के बयान के बाद सियासत में उबाल आडवाणी के बयान के बाद सियासत में उबाल
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 18 जून 2015,
  • अपडेटेड 7:00 AM IST

बीजेपी के सीनियर लीडर लालकृष्ण आडवाणी ने भले ही देश में आगे भी इमरजेंसी की आशंका जताई हो, पर RSS को ऐसा नहीं लगता.

RSS के मनमोहन वैद्य ने ट्वीट करके भारत में आपातकाल लागू करने जैसे हालात को सिरे से खारिज कर दिया है.

साथ ही बीजेपी ने लालकृष्ण आडवाणी के बयान पर सफाई पेश कर दी. बीजेपी ने कहा कि आडवाणी ने संस्था को लेकर वैसा बयान दिया.

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इससे पहले, लालकृष्ण आडवाणी के इमरजेंसी की आशंका पर दिए गए बयान पर बवाल हो गया. विपक्षी पार्टियों ने इस बयान के बहाने मोदी सरकार पर हमले तेज कर दिए.

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी इस मुद्दे पर ट्वीट करके राजनीति को हवा दी और इसका रुख दिल्ली में जारी 'जंग' की ओर मोड़ दिया. उन्होंने लिखा, 'आडवाणी ने सही कहा है कि इमरजेंसी की आशंका से इनकार नहीं कहा जा सकता. क्या दिल्ली उनका पहला प्रयोग है?'

गौरतलब है कि आडवाणी ने 'द इंडियन एक्सप्रेस' को दिए इंटरव्यू में कहा था कि भारत की राजनीतिक व्यवस्था अब भी इमरजेंसी के हालात से निपटने के लिए तैयार नहीं है और भविष्य में भी नागरिक अधिकारों के ऐसे निलंबन की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा, 'संवैधानिक और कानूनी सुरक्षा-तंत्र के बावजूद, मौजूदा समय में लोकतंत्र को कुचलने वाली ताकतें मजबूत हैं.'

आडवाणी को नहीं है BJP सरकार पर भरोसा: आशुतोष
AAP नेता आशुतोष ने कहा कि आडवाणी ने यह बयान ऐसे समय में दिया है जब देश में बीजेपी की सरकार है. इसका मतलब है कि उनका इस देश की सरकार पर कोई भरोसा नहीं है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि आडवाणी का मतलब यह है कि मोदी के नेतृत्व में लोकतंत्र सुरक्षित नहीं है और इमरजेंसी ज्यादा दूर नहीं है.

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हम लोग तो झेल रहे हैं: नीतीश
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी केंद्र सरकार को निशाने पर लेने से नहीं चूके. उन्होंने कहा, 'आडवाणी जी देश के सबसे वरिष्ठ नेता हैं. अब उनकी चिंता है तो सबको ध्यान देने की जरूरत है. हम लोग तो झेल रहे हैं.'

जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस ने भी इस बयान के बहाने मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया तो बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने इस पर चर्चा के लिए बैठक बुलाने का प्रस्ताव रख दिया है. उन्होंने कहा, 'यह एक विचार है और इस पर चर्चा की जानी चाहिए. आडवाणी जी वरिष्ठ नेता और विचारक हैं. मुझे लगता है कि अमित शाह को इस पर चर्चा के लिए एक बैठक बुलानी चाहिए.'

बयान का गलत मतलब निकाला गया: RSS
हालांकि संघ आडवाणी के बचाव में उतर आया है. संघ नेता मनमोहन वैद्य ने कहा कि उन्होंने आडवाणी का पूरा इंटरव्यू पढ़ा है और उनकी बात को गलत समझा जा रहा है. उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि इमरजेंसी की स्थिति आएगी. इमरजेंसी किसी इलाके या प्रदेश में लगाई जा सकती है, पर पूरे देश में नहीं. मैं आडवाणी जी को जानता हूं और उनके बयान का गलत मतलब निकाला जा रहा है.' उन्होंने इमरजेंसी लगाने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की आलोचना की.

एक हाथ में नहीं सिमटना चाहिए नियंत्रण: कांग्रेस
वहीं कांग्रेस ने भी आडवाणी के बयान को सही बताते हुए मौजूदा समय को इमरजेंसी जैसा बताया है. कांग्रेस नेता अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि जब सारा नियंत्रण कुछ व्यक्तियों के हाथों में सिमट जाता है तो इमरजेंसी का डर पैदा होना स्वाभाविक है और लोग भी इसका अनुभव कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'बीजेपी के लोगों को ही लग रहा है कि इमरजेंसी की स्थिति आ गई है. लेकिन कोई कहने की हिम्मत नहीं कर रहा. अब लोगों के अधिकार पहले जैसे नहीं रहे, तभी उन्हें (आडवाणी) को ऐसा लगता है.'

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जेडीयू नेता अली अनवर ने कहा, 'आडवाणी जी वरिष्ठ नेता हैं और वह सही कह रहे हैं. लगता है कि ऐसी स्थिति पैदा हो सकती है. संसद की अनदेखी और अध्यादेश का धड़ल्ले से प्रयोग किया जा रहा है, उससे लगता है कि आपातकाल की स्थिति आ सकती है.'

आरजेडी नेता मनोज झा ने कहा, 'जब वे प्रचार के समय 'अब की बार, मोदी सरकार' का नारा लगा रहे थे, हम तभी से चिंतित थे. क्योंकि अगर सब कुछ किसी एक व्यक्ति के हाथ में दे देंगे तो यह जनता के लिए बहुत खतरनाक होगा. '

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