
बांग्लादेश की राजधानी ढाका के हाई प्रोफाइल इलाके गुलशन रोड के एक रेस्टोरेंट में शुक्रवार रात आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट के हमले की शिकार भारतीय लड़की तारिषी जैन ने बंधक रहने के दौरान घर से बातचीत की थी. जानकारी के मुताबिक 19 साल की तारिषी ने अपनी आखिरी बातचीत में रेस्टोरेंट के अंदर का भयानक हाल बताया था.
तारिषी ने फोन पर बताया अंदर का हाल
उसने शुक्रवार रात करीब डेढ़ बजे अपने रिश्तेदार से बात की. वहां के हालात की जानकारी देते हुए उसने अपने रिश्तेदार को बताया था कि फायरिंग चल रही है. वहीं चारों ओर अफरातफरी मची
हुई है. तारिषी ने फिरोजाबाद में अपने अंकल को फोन पर कहा था कि हेलो! अंकल, मैं यहां दोस्तों के साथ रेस्तरां में आई थी जहां आतंकवादियों ने हमला कर दिया है. यहां हर तरफ चीख
पुकार मची है. गोलियां चल रही हैं...
तारिषी के आखिरी शब्द- वे हमें भी मार डालेंगे
तारिषी ने अपने पिता को फोन करके बताया कि मैं और मेरे दोस्त टॉयलेट में छिपे हैं. बाहर फायरिंग चल रही है. वे हमें भी एक-एक कर मार डालेंगे. वो सभी दीवार से लगकर खड़े हैं. यह
उसका आखिरी कॉल था. क्योंकि जब सुबह तारिषी को फोन किया गया तो उधर से किसी का जवाब नहीं आया.
कुरान की आयतें पूछ रहे थे आतंकी
गौरतलब है कि 'अल्लाह-हु-अकबर' का नारा लगाते हुए राजनयिक क्षेत्र के मशहूर रेस्टोरेंट में घुसे सात आतंकियों ने करीब 40 लोगों को बंधक बना लिया था. आतंकियों ने उनसे कुरान की
आयतें सुनाने को कहा था. उन्होंने ऐसे 18 लोगों को छोड़ दिया था जिन्होंने आयतें सुनाई, नहीं सुनाने वाले 20 लोगों को आतंकियों ने चाकू से गला रेतकर मार डाला. मारे गए सभी लोग
विदेशी थे और उनमें ज्यादातर इटली और जापान के थे.
ढाका में कपड़ों के कारोबारी हैं तारिषी के पिता
ढाका आतंकवादी हमले में मारी गई तारिषी के रिश्तेदार बांग्लादेश जाने के लिए विदेश मंत्रालय के साथ बातचीत कर रहे हैं. तारिषी के माता-पिता के अलावा ढाका में परिवार से और कोई ढाका
में मौजूद नहीं है. उसके पिता पिछले 15-20 साल से बांग्लादेश में कपडे का व्यापार कर रहे हैं. तारिषी के शव को जल्द ही भारत लाया जा सकता है.
छुट्टियां बिताने ढाका आई थी तारिषी
तारिषी बांग्लादेश में रहती है. वह अपने दोस्तों के साथ कैफे गई थी और उसे बंधक बना लिया गया. कमांडो ऑपरेशन के बाद उसका शव मिला. वह अमेरिका में पढाई कर रही थी और
माता-पिता के साथ छुट्टियां बिताने ढाका आई थी. अधिकारियों ने यहां बताया कि यूसी ब्रेकेली की छात्रा तारिषी छुट्टियों में आई थी.