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रवि शास्त्री ने कहा, पहला टेस्ट हारने के बावजूद शैली नहीं बदलेगी टीम इंडिया

श्रीलंका के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में हैरतअंगेज हार के बावजूद टीम इंडिया के निदेशक रवि शास्त्री ने स्पष्ट किया है कि अगले दो टेस्ट मैचों में भारत अपनी खेल शैली में बदलाव नहीं करेगा. उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि टीम का प्रयास हमेशा बेपरवाह क्रिकेट खेलना रहा है.

रवि शास्त्री (फाइल फोटो) रवि शास्त्री (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • कोलंबो,
  • 18 अगस्त 2015,
  • अपडेटेड 12:24 PM IST

श्रीलंका के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में हैरतअंगेज हार के बावजूद टीम इंडिया के निदेशक रवि शास्त्री ने स्पष्ट किया है कि अगले दो टेस्ट मैचों में भारत अपनी खेल शैली में बदलाव नहीं करेगा . उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि टीम का प्रयास हमेशा बेपरवाह क्रिकेट खेलना रहा है.

गाले में खेले गये पहले टेस्ट मैच का पासा एकदम से पलटा और भारत को 63 रन से हार का सामना करना पड़ा.  रवि शास्त्री ने पत्रकारों से कहा, ‘उम्मीद है कि कहर दोबारा नहीं बरपेगा क्योंकि हम खेलने की अपनी शैली नहीं बदल रहे हैं. हमारी मानसिकता पहले जैसी ही रहेगी. परिणाम अपने पक्ष में करने के लिए आपको लंबी राह तय करनी है और पहले टेस्ट मैच में हमने यह गलती की. इसके बाद तो कई जीत की शुरुआत हो जाएगी.

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इस पूर्व कप्तान से पूछा गया कि क्या टीम दबाव में है, उन्होंने नकारात्मक जवाब दिया. उन्होंने कहा, ‘यह दबाव में आकर बिखरने का सवाल नहीं था. उन्हें लगा कि पिच का मिजाज बदल सकता है और उन्होंने खुद पर दबाव बनाया. मेरा मानना है कि एक जीत दर्ज करने के बाद उनकी कई जीत की शुरुआत हो जाएगी.’

भारत के सामने 176 रन का लक्ष्य था लेकिन उसकी पूरी टीम 49.5 ओवर में 112 रन पर आउट हो गई. इस तरह से श्रीलंका ने तीन मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली.

शास्त्री ने कहा कि बल्लेबाज दूसरी पारी में वैसा प्रदर्शन नहीं कर पाये जैसा उन्हें स्पिनरों के सामने करना चाहिए था और इस हार से पूरी टीम आहत है. हार से हताश टीम कल कोलंबो पहुंची लेकिन उसे सुबह यह खबर मिली कि शिखर धवन अपने दायें हाथ में हेयरलाइन फ्रैक्चर के कारण दौरे के बाकी मैचों में नहीं खेल पाएंगे.

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शास्त्री ने कहा, ‘मैं आपको बता सकता हूं कि खिलाड़ियों का मूड अच्छा नहीं था. हम डेढ़ घंटे तक बाहर नहीं निकले क्योंकि प्रत्येक बेहद आहत था और वहां अच्छी और सहज चर्चा चल रही थी.’

उन्होंने कहा, ‘जब आपने छह सत्र जीते हो लेकिन दो सत्र में हारने के कारण आप सीरीज में 0-1 से पीछे हो जाते हो, इस मैच से काफी कुछ सीखने को मिला. इसके लिए हमारे पास कोई बहाना नहीं है. हमें अब टीम के रूप में आगे बढ़ना होगा और उस टेस्ट में क्या गड़बड़ी हुई उससे सीखना होगा.’

भारत को पहली पारी में 192 रन की बढ़त मिली थी लेकिन उन्होंने अपनी गलती से मैच गंवाया. इस तरह से कोहली और शिखर धवन के शतक तथा अश्विन का दस विकेट लेने का प्रयास बेकार चला गया. दिनेश चंदीमल के नाबाद शतक के बाद रंगना हेराथ और तारिंदु कौशल ने दूसरी पारी में सभी दस विकेट निकाले. इस बल्लेबाजी क्रम की यह आदत बन गयी है क्योंकि इससे पहले वे इंग्लैंड में मोईन अली और ऑस्ट्रेलिया में नाथन लियोन के सामने भी जूझते हुए नजर आए थे.

शास्त्री ने कहा, ‘अच्छा होता यदि वे आखिरी दिन रक्षात्मक के बजाय आक्रामक खेल खेलते. मैं यह नहीं कह रहा हूं कि उन्हें चौके और छक्के मारने शुरू कर देने थे लेकिन आक्रामक खेलना अधिक सकारात्मक होता. वे एक इरादे से खेलते और स्कोर बोर्ड को चलायमान रखते. मोईन अली के खिलाफ वे बहुत आक्रामक थे. यहां वे बहुत अधिक रक्षात्मक हो गए. उन्हें अधिक आक्रामक होना चाहिए था.’

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उन्होंने कहा, ‘जब आप इस तरह से टेस्ट मैच गंवाते हो तो इससे अन्य की तुलना में आप सबसे अधिक आहत होते हो. आपका मैच में पलड़ा भारी है और आप उसे हार गए. इसलिए आपको अन्य की तुलना में इस तरह के मैचों से अधिक सबक मिलता है और उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में यह दिखाई देगा.’

शास्त्री ने कहा कि कुछ खिलाड़ियों के चोटिल होने के कारण दूसरे टेस्ट के लिए टीम में कुछ बदलाव होंगे. उन्होंने कहा, ‘कुछ बदलाव होंगे. धवन पहले टेस्ट मैच के शुरुआती दिन तब चोटिल हो गया था जब उसने स्लिप में कैच छोड़ा था. उसने दर्द के बावजूद दोनों पारियों में बल्लेबाजी की और शतक भी जड़ा. हालांकि यह पारी टीम को जीत नहीं दिला पाई. इस बीच मुरली विजय हैमस्टि्रंग की चोट से तेजी से उबर रहे हैं लेकिन उनके चयन को लेकर आखिरी फैसला मैच से 24 घंटे पहले किया जाएगा. स्टुअर्ट बिन्नी जल्द टीम से जुड़ेंगे जबकि धवन के स्थान पर अभी तक किसी खिलाड़ी का चयन नहीं किया गया है.’

शास्त्री ने कहा, ‘आजकल जितनी अधिक क्रिकेट खेली जा रही है उसमें आपको इसका आदी होना पड़ेगा. खेल के तीन प्रारूप हैं और कुछ खिलाड़ी सभी प्रारूपों में खेलते हैं. इसलिए उनके चोटिल होने की संभावना बनी रहती है.’

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उन्होंने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि शिखर नहीं खेल पाएगा क्योंकि वह शानदार खिलाड़ी है. उसने पिछले मैच में साहस दिखाया और पहली पारी से पहले चोटिल होने के बावजूद बल्लेबाजी की. उसके हाथ में फ्रैक्चर था लेकिन उसने शतक बनाया. इसके बाद उसके हाथ की स्थिति अच्छी नहीं थी लेकिन उसने तब भी दूसरी पारी में बल्लेबाजी की. यह एक खिलाड़ी का सकारात्मक पहलू है कि टीम की जरूरत को देखकर उसने चोट भुला दी.’

कप्तान विराट कोहली का गेंदबाजी में बदलाव करते समय स्पिनरों के उपयोग करने की रणनीति पर सवाल उठ रहे हैं लेकिन शास्त्री ने कप्तान का बचाव किया. उन्होंने कहा, ‘कोहली सीखेगा. आप जितना अधिक खेलते हो आप उतना ज्यादा सीखते हो. भारत अक्सर तीन स्पिनरों के साथ नहीं खेलता है. अश्विन ने पूरे मैच में अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन आपको अन्य से भी बेहतर प्रदर्शन की जरूरत पड़ती है.’

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