
Cyclone Nisarga Updates: चक्रवाती तूफान निसर्ग महाराष्ट्र के तटीय इलाकों से टकराया. निसर्ग तूफान मुंबई में अलीबाग के तट से टकराया. मौसम विभाग के मुताबिक चक्रवाती तूफान करीब 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से टकराया था. मुंबई के ज्यादातर इलाकों में तेज हवाओं के साथ बारिश हुई है. मुंबई एयरपोर्ट पर शाम 7 बजे तक कामकाज को बंद किया गया और बांद्रा-वर्ली सी लिंक पर ट्रैफिक की आवाजाही रोक दी गई. मुंबई और गुजरात के ज्यादातर इलाकों में रेड अलर्ट जारी है.
जान की क्षति नहीं
बीएमसी के मुताबिक तूफान के कारण 117 जगहों पर पेड़ गिरने की घटनाएं हुईं. वहीं 9 स्थानों पर मकान के हिस्से ढह गए. इसके अलावा शहर के 39 जगहों पर शॉर्ट सर्किट हुआ. हालांकि निसर्ग तूफान के कारण लोगों के जान की क्षति नहीं हुई है.
मुंबई के लिए खतरा टला
निसर्ग तूफान का मुंबई के लिए खतरा लगभग खत्म हो चुका है. वहीं मुंबई के ज्यादातर इलाकों में तेज हवाओं के साथ बारिश जारी रहेगी. साथ ही हवाएं 50 किमी प्रति घंटे से ज्यादा की रफ्तार से नहीं चलेंगी.
अलीबाग में चक्रवात निसर्ग का लैंडफॉल
तूफान निसर्ग अलीबाग के तट से टकराया है. अलीबाग में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हो रही है. मौसम विभाग के मुताबिक लैंडफॉल को पूरा होने में करीब 3 घंटे लगेंगे. तेज हवाओं और बारिश के साथ कई जगहों पर पेड़ टूटकर गिर गए हैं. तेज हवा और बारिश के बीच लोगों को घरों में रहने की हिदायत दी जा रही है. वहीं, तटीय इलाकों में जाने से रोका गया है.
बांद्रा-वर्ली सी लिंक पर रोकी गई आवाजाही
तूफान के मद्देनजर बांद्रा-वर्ली सी लिंक पर ट्रैफिक की आवाजाही रोक दी गई है. महाराष्ट्र में एनडीआरएफ की 21 टीमें तैनात की गई हैं. मुंबई, ठाणे, रायगढ़, रत्नागिरी में तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है. ऐसे में लोगों को घरों से बाहर ना निकलने की सलाह दी गई है.
समंदर में उठीं ऊंची लहरें
महाराष्ट्र के रत्नागिरी इलाके में समंदर में ऊंची-ऊंची लहरें उठ रही हैं. चक्रवात निसर्ग का असर से उठ रही लहरें इतनी ऊंची हैं कि समंदर किनारे बंधे जहाज हिल रहे हैं. बता दें कि तूफान के टकराने से पहले मौसम विभाग ने मुंबई में हाई टाइड के आने की आशंका जताई. मौसम विभाग के मुताबिक बुधवार रात 9:48 बजे मुंबई में हाई टाइड की चेतावनी दी गई है. मौसम विभाग ने कहा कि निसर्ग तूफान (Cyclone Nisarga) के दौरान 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की तूफानी हवाएं और समंदर में उठने वाली 6 फीट ऊंची लहरें मुंबई को फिर से पानी-पानी कर सकती हैं.
तूफान के समंदर तट से टकराने से पहले के अपडेट्स.....
मुंबई मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक चक्रवाती तूफान अलीबाग से 95 किलोमीटर और मुंबई से 150 किलोमीटर दूर है. IMD के मुताबिक यह दोपहर 3 बजे तक 120 किलोमीटर की रफ्तार से समुद्र तट से टकरा सकता है. तूफान के समय 6 फीट ऊंची लहरें उठ सकती हैं. हालांकि, मुंबई निसर्ग की मुसीबत से निपटने के लिए तैयार है. लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.
महाराष्ट्र में NDRF की टीमें तैनात
चक्रवात से निपटने के लिए एनडीआरएफ की 20 टीमें तैनात की गई हैं. इसमें मुंबई में 8 टीमें, रायगढ़ में 5 टीमें, पालघर में 2 टीमें, थाने में 2 टीमें, रत्नागिरी में 2 टीमें और सिंधूदुर्ग में 1 टीम की तैनाती है. वहीं, कुछ टीमों को स्टैंडबाई पर रखा गया है. बता दें कि दो हफ्ते में देश को दूसरे समुद्री तूफान का सामना करना पड़ रहा है. पहले अम्फान ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा में तबाही मचाई थी. इसके दोपहर तक अलीबाग में तट से टकराने की उम्मीद है.
लोगों के समुंद्र के पास जाने पर लगी पाबंदी
मुंबई में तूफान से निपटने और जान माल के नुकसान को रोकने के लिए पक्के इंतजाम किए गए हैं. मुंबई में धारा 144 लगाई गई है. लोगों से सैर-सपाटे के लिए समुद्री तटों पर नहीं जाने को कहा गया है. पार्कों में जाने पर रोक है. लोगों से घरों में रहने की अपील की गई है.
एनडीआरएफ, दमकल और सेना को अलर्ट पर रखा गया है. मौसम विभाग के मुताबिक दमन, दीव और दादरा नगर हवेली में तूफान का असर सबसे ज्यादा रहेगा. मुंबई समेत उत्तरी महाराष्ट्र के कई इलाकों और कोंकण में भारी बारिश का अलर्ट है. साथ ही दक्षिणी गुजरात के कई इलाकों में भी तूफान का असर ज्यादा होने की आशंका है.
मुंबई के अलावा तूफान का कहर गुजरात तक हो सकता है. इसका ट्रेलर अभी से दिखना शुरू हो गया है. अहमदाहाद में जमकर बारिश हो रही है. गुजरात के नवसारी के आसपास के समंदर में तो ऊंची ऊंची लहरें भी उठनी शुरू हो गई हैं.
गुजरात में 47 गांव करवाए गए खाली
गुजरात में चक्रवाती तूफान निसर्ग से निपटने की तैयारियों के बीच, वलसाड और नवसारी जिला प्रशासनों ने राज्य के तटीय क्षेत्रों में स्थित 47 गांवों से करीब 20 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना शुरू कर दिया है. मौसम विभाग ने मंगलवार को संकेत दिया कि हो सकता है कि चक्रवाती तूफान गुजरात तट पर न पहुंचे. हालांकि इसका प्रभाव तटीय क्षेत्रों में तेज हवाओं और भारी बारिश के रूप में सामने आ सकता है.
चक्रवात के कारण सेंट्रल रेलवे ने कई ट्रेनों के टाइम टेबल में बदलाव किया है. इसमें गोरखपुर, तिरुवनंतपुरम, दरभंगा, वाराणसी और भुवनेश्वर को जाने वाली स्पेशल ट्रेनें शामिल हैं.
समुद्र तटों पर धारा 144
चक्रवाती तूफान ‘निसर्ग’ के खतरे के मद्देनजर मुंबई में समुद्र तट के किनारे लोगों के आवागमन पर गुरुवार दोपहर तक प्रतिबंध लगा दिया गया है. मुंबई पुलिस ने यह जानकारी दी. पुलिस ने बताया कि धारा 144 के तहत एक आदेश जारी किया गया है.
पुलिस ने बयान में कहा, 'इस आदेश के साथ मुंबई पुलिस ने समुद्र तटों के पास स्थित सार्वजनिक स्थानों, सैरगाह, पार्कों और तटों के किनारे स्थित अन्य स्थानों पर एक या एक से अधिक व्यक्तियों की उपस्थिति या आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया है.'
पुलिस ने बयान में कहा कि इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 (एक लोक सेवक द्वारा विधिपूर्वक घोषित आदेश की अवहेलना) के तहत कार्रवाई हो सकती है. मौसम विभाग के अनुसार, बुधवार दोपहर बाद महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात में चक्रवाती तूफान के आने की आशंका है.
मुंबई में नौसेना की टीम तैयार
चक्रवात 'निसर्ग' के कारण उत्पन्न परिस्थितियों से निपटने के लिए पश्चिम नौसेना कमान ने अपनी सभी टीमों को सतर्क कर दिया है. रक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि नौसेना ने पांच बाढ़ टीम और तीन गोताखोरों की टीम को मुंबई में तैयार रखा है.
उन्होंने कहा कि ये टीम राहत एवं बचाव अभियानों के लिए प्रशिक्षित और सुसज्जित हैं, जो मुंबई के विभिन्न नौसेना क्षेत्रों में तैनात हैं और ये तेजी से बचाव कार्यों के लिए सक्षम हैं. बाढ़ संभावित इलाकों की रेकी की गई है और सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. इसी तरह की व्यवस्था करवार नौसेना क्षेत्र, गोवा नौसेना क्षेत्र के साथ ही गुजरात, दमन और दीव नौसेना क्षेत्रों में भी की गई है.
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चक्रवात 'निसर्ग' के पहुंचने से पहले बारिश
महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले स्थित अलीबाग में चक्रवात 'निसर्ग' के पहुंचने की आशंका से पहले ही मुंबई और इसके आसपास के क्षेत्रों में मंगलवार शाम से ही बारिश शुरू हो गई जोकि रात होने तक और तेज हो गई. मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि अगले 24 घंटे में महानगर के अधिकतर हिस्सों में मध्यम बारिश जबकि सुदूरवर्ती क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है.
चक्रवात निसर्ग का अलर्ट, मुंबई में तेज हवाओं के साथ बारिश, NDRF की टीमें तैनात
मुकाबले के लिए गुजरात-महाराष्ट्र ने कसी कमर
निसर्ग चक्रवात के बुधवार को तट से टकराने के खतरे को देखते हुए महाराष्ट्र और गुजरात ने आपदा से मुकाबले के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के दलों को तैनात कर दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत कर उन्हें केंद्र द्वारा हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को बताया कि निसर्ग चक्रवात आज महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के तट को पार कर जाएगा. इस दौरान हवा की गति 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि चक्रवाती तूफान को देखते हुए लोगों को बचाकर निकालने के वास्ते राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के 10 दलों को राज्य के तटवर्ती क्षेत्रों में तैनात किया गया है. साथ ही एनडीआरएफ की 6 टीमों को तैनात रहने के लिए कहा गया है.
गुजरात में प्रशासन ने चार तटीय जिलों से 78,000 लोगों को निकालने का काम शुरू कर दिया है. राहत आयुक्त हर्षद पटेल ने गांधीनगर में संवाददाताओं से कहा कि एनडीआरएफ के 13 और एसडीआरएफ के 6 दलों को विभिन्न स्थानों पर तैनात किया गया है. उन्होंने कहा कि वलसाड, सूरत, नवसारी और भरुच जिले में रहने वाले 78,971 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है.
बीएमसी ने साइक्लोन के दौरान क्या करना है और क्या नहीं, इसकी लिस्ट जारी की है...
इसके अलावा बीएमसी ने लोगों के लिए क्या नहीं करना है, इसकी भी एक लिस्ट जारी की है. इस गाइडलाइन के मुताबिक लोगों से अफवाहों में न फंसने की अपील की गई है. साथ ही चक्रवाती तूफान के दौरान गाड़ी न चलाने, छतिग्रस्त बिल्डिंग से दूर रहने, घायल लोगों की जगह में परिवर्तन न करने की सलाह दी गई है.
मुंबई में 1891 के बाद कोई बड़ा चक्रवाती तूफान नहीं आया है. मुंबई में 2005 में भयंकर बाढ़ आई थी और उसके बाद 2017 और 2019 में भी शहर जलमग्न हो गया था लेकिन इसका कारण चक्रवात नहीं था. आईएमडी के मुताबिक बुधवार को मुंबई के निचले स्थानों में रहने वालों को भारी बारिश, तेज हवाएं, समुद्र में ऊंची उठती लहरें और तूफान का सामना करना पड़ सकता है.