
महाराष्ट्र के पुणे में भारी बारिश के कारण 25 सितंबर की रात शहर पानी-पानी था. हर तरफ जल सैलाब था. बाढ़ से आधा दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो गई थी. पुणे में आई इस बाढ़ पर अब मौसम विभाग के प्रमुख ने बयान दिया है.
पुणे मौसम विभाग के प्रमुख अनुपम कश्यपी ने दावा किया है कि इस बाढ़ के पीछे भारी बारिश वजह नहीं थी. उन्होंने दावा किया कि उस दिन बादल नहीं फटा था. इस संबंध में जिलाधिकारी और नगर निगम के आयुक्त को बादल फटने की गलत जानकारी दी गई है.
मौसम विभाग के प्रमुख ने कहा कि इसके पीछे अंबिल नाले के आसपास अतिक्रमण कर लोगों द्वारा किया गया अवैध निर्माण प्रमुख वजह है. अवैध बिल्डिंग के निर्माण के कारण बारिश का पानी जल्दी नहीं निकल पाया था.
पहले ही बता दिया था, कहां कितनी बारिश होगी
कश्यपी के मुताबिक ड्रेनेज सिस्टम बारिश के पहले साफ नहीं करना, मेनहोल साफ न करना भी एक वजह है. उन्होंने बताया कि इसकी वजह से शहर में 55 मिलीमीटर बारिश का पानी बाढ़ में तब्दील हो गया.
मौसम विभाग के प्रमुख ने दावा किया कि हमने तीन से चार दिन पहले ही अनुमान लगाया था कि पुणे में कहां कितनी बारिश होने वाली है. उन्होंने कहा कि 21 तारीख से बारिश की रफ्तार बढ़ी, लेकिन प्रशासन का कोई भी प्रतिनिधि उनके पास बात करने या गाइडेंस लेने नहीं आया .
कात्रज इलाके में रेन गेज मीटर नहीं
मौसम विभाग के प्रमुख ने कात्रज इलाके में रेन गेज मीटर नहीं होने की बात कही. उन्होंने बताया कि बारिश कितनी हुई है, यह मौसम विभाग के शिवाजीनगर और पाषाण के रेन गेज मीटर से पता लगाया गया. कश्यपी ने यह भी बताया कि एक रेन गेज मीटर 50 किलोमीटर के दायरे में हुई बारिश का आकलन करने में सक्षम होता है.
नहीं दे पाए सवालों के जवाब
मौसम विभाग के प्रमुख से जब यह सवाल किया गया कि अगर बाढ़ का कारण अतिक्रमण है तो कात्रज पहाड़ी की दूसरी तरफ और खेड़शिवापुर में भारी बारिश से नुकसान क्यों हुआ, इस सवाल पर वह कोई जवाब नहीं दे पाए.