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COVID के बाद कैसी होगी वैश्विक अर्थव्यवस्था? WEF की जोखिम रिपोर्ट में चिंताजनक तस्वीर

जोखिम नजरिए से यह भी पता चलता है कि Covid के बाद की दुनिया में काम के पैटर्न में निरंतर बदलाव के कारण साइबर हमले और डेटा धोखाधड़ी की भी संभावना है. रिपोर्ट के मुताबिक व्यक्तियों के साथ ही सामान के क्रॉस-बॉर्डर मूवमेंट पर कड़े प्रतिबंध भी महामारी के नतीजे के तौर पर सामने आ सकते हैं.

महामारी के बाद भारी मंदी का अनुमान (फाइल फोटो-PTI) महामारी के बाद भारी मंदी का अनुमान (फाइल फोटो-PTI)
अंकित कुमार
  • नई दिल्ली,
  • 19 मई 2020,
  • अपडेटेड 8:45 PM IST

  • कुछ देशों में जल्द नहीं उभर पाएंगे उद्योग
  • ढांचागत बेरोजगारी के ऊंचे स्तर की आशंका

टॉप प्रोफेशनल्स के जोखिम से जुड़े नजरिए ने Covid-19 के सबसे बड़े नतीजों में वैश्विक अर्थव्यवस्था में लंबी मंदी और भारी बेरोजगारी का अनुमान लगाया है.

विश्व आर्थिक मंच (WEF) ने 300 से अधिक अंतरराष्ट्रीय जोखिम प्रोफेशनल्स को अगले 18 महीने की संभावित स्थिति पर गौर करने के लिए कहा था. इनका मानना ​​है कि लंबे समय तक मंदी और भारी बेरोजगारी (खास तौर पर युवाओं के लिए) के बाद बड़े और छोटे-मध्यम उद्यमों के दिवालिया होने, जैसे प्रभावों के तौर पर विश्व आर्थिक संकट का सामना होगा.

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WEF की रिपोर्ट में आगाह किया गया है कि कुछ देशों में कुछ उद्योग और सेक्टर्स अगले डेढ़ वर्ष तक नहीं उभर पाएंगे. ये रिपोर्ट ‘Covid-19 जोखिम नजरिया: इसके प्रभावों का शुरुआती आकलन’ नाम से जारी की गई है. रिपोर्ट में महामारी से साथ आर्थिक, एक भू-राजनीतिक, एक तकनीकी और एक सामाजिक प्रभाव की पहचान की गई है. रिपोर्ट में महामारी के नतीजों में ढांचागत बेरोजगारी का ऊंचा स्तर, अहम अर्थव्यवस्थाओं की वित्तीय स्थिति का कमजोर होना, ग्लोबल सप्लाई चेन का लंबे समय अस्त-व्यस्त रहना, उभरते या विकासशील देशों का आर्थिक तौर पर ढहना आदि को बताया गया है.

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जोखिम नजरिए से यह भी पता चलता है कि Covid के बाद की दुनिया में काम के पैटर्न में निरंतर बदलाव के कारण साइबर हमले और डेटा धोखाधड़ी की भी संभावना है. रिपोर्ट के मुताबिक व्यक्तियों के साथ ही सामान के क्रॉस-बॉर्डर मूवमेंट पर कड़े प्रतिबंध भी महामारी के नतीजे के तौर पर सामने आ सकते हैं. निकट भविष्य में Covid के फिर सिर उठाने या ऐसी ही किसी और महामारी का आना भी दस संभावित नतीजों की सूची में शामिल है.

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एक लंबी वैश्विक मंदी व्यवसायों के लिए अहम फिक्र बन कर सामने आई. लेकिन इससे भी बड़ी चिंता व्यवसायों के लिए साइबर सुरक्षा और डेटा धोखाधड़ी है. विशेषज्ञों ने Covid के बाद की स्थिति में महंगाई बढ़ने की भी संभावना जताई है.

विशेषज्ञों की चिंता है कि समाजों पर महामारी का असर लंबे समय तक रहने वाला है. ज़्यूरिख़ इंश्योरेंस ग्रुप के मुख्य जोखिम अधिकारी पीटर गिगर का कहना है, "महामारी के लंबे समय तक चलने वाले असर होंगे, क्योंकि अधिक बेरोजगारी कई चीजों पर असर डालती है. जैसे कि उपभोक्ताओं का भरोसा, खुशहाली आदि. ये सामाजिक सुरक्षा प्रणालियों की कारगरता को चुनौती देती है. अभी लिए जाने वाले नतीजे यह निर्धारित करेंगे कि ये जोखिम या अवसर कैसे आकार लेंगे.’’

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हालांकि, कुछ का मानना है कि ये गंभीर संकट के बीच अवसरों को देखने का समय हो सकता है. WEF प्रबंध निदेशक सादिया जाहिदी का कहना है, “संकट ने जीवन और आजीविका को तबाह कर दिया है. अब हमारे पास इस संकट का इस्तेमाल करने का एक अलग अवसर है. वो है कि हम चीजों को अलग तरह से करते हुए बेहतर अर्थव्यवस्थाएं बना सकें, जो अधिक टिकाऊ, लचीली और समावेशी हों.” WEF के मुताबिक, आबोहवा को लेकर संवेदनशील और टिकाऊ पहल के माध्यम से रिकवरी करने के लिए अगर समाज संकट का इस्तेमाल करे और सही कदम उठाएं तो और मजबूत होकर सामने आ सकते हैं.

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