
अस्मत लुटने पर इंसाफ दिलाने की जगह तालिबानी फैसला सुनाया जाता है. फैसला ऐसा जिस पर पीड़ित परिवार को अमल करना पड़ता है. जी हां, ये सब हो रहा है बिहार में जहां चल रही है सुशासन की सरकार. वैशाली जिसने देश को लोकतंत्र का पाठ पढ़ाया. उसकी धरती पर तालिबानी फरमान सुनाया जाता है, जिसे सुनकर आप हैरान हो जाएंगे. यहां नाबालिग बच्ची की अस्मत लूटने की कीमत डेढ़ लाख और 12 साल की बच्ची की अस्मत लूटने के बाद शादी कराने का फरमान सुनाया जाता है.
जानकारी के मुताबिक, पहला मामला है बिहार के वैशाली जिले का है. यहां लालगंज के खरौना पंचायत के शाहपुर गांव में पहुत ही गरीब परिवार से रहमान (बदला हुआ नाम) आते हैं. इस साल ईद के दिन जब उस समाज में सब तरफ खुशियां मनाई जा रही थी, तो उस दिन उनके घर सन्नाटा पसरा था. इसकी वजह थी कि एक दरिंदे ने उनके 12 साल की बच्ची की अस्मत लूट ली थी. ये हैवान उनका पड़ोसी ताहिर था. पीड़िता छठे क्लास की छात्रा है, जिसे बहला-फुसला कर उसने हवस का शिकार बनाया.
इस वारदात के बाद पीड़िता ने ताहिर के दरिंदगी की कहानी अपने माता और पिता को सुनाई. न्याय की आस लिए उन्होंने खरौना पंचायत का दरवाजा खटखटाया. न्याय की जगह पंचायत ने तालिबानी फैसला सुना दिया. कहा गया कि रेप हुआ है तो अब शादी कर लो. पंचायत ने फैसला दिया जिसने इज्जत लिया वहीं उस लड़की को रखेगा. ऐसा फैसला शायद ही आपने पहले कहीं सुना होगा. फैसले के बाद पीड़िता की शादी तो ताहिर से करा दी गई. लेकिन उसको ताहिर ने इतना कष्ट दिया जिसे बयां नहीं किया जा सकता.
पीड़ित परिवार के मुताबिक, शादी के बाद पीड़िता को जहर देकर जान से मारने की कोशिश की गई. उसके माता-पिता ने फिर अपनी गुहार पंचायत के पास लेकर गए. पंचायत ने फिर सुनाया अपना फरमान और कहा डेढ़ लाख ले लो और चुपचाप बैठ जाओ. कुछ नहीं हो सकता. अब मां को इंसाफ चाहिए. लेकिन सुशासन बाबू की सरकार में अब तक उसे न्याय नहीं मिला. इन सबके बीच उसकी जिंदगी बर्बाद करने वाला ताहिर उसको रखने को तैयार है, लेकिन पीड़िता ही उसके साथ रहना नहीं चाहती है.
दूसरा मामला मुजफ्फरपुर जिले के औराई थाना के एक गांव का है. यहां भी दो मासूम बच्चियों की इज्जत लूटने की कीमत लगाई गई. इसके बाद तालिबानी फैसला सुनाया गया. पंचायत ने फैसला सुनाया कि 82 हजार जुर्माना अदा करके मामला रफा-दफा किया जाए. पांच और चार साल की बच्ची के साथ उसके अपने ही दादा की उम्र रिश्तेदार ने रेप किया था. बच्ची ने आपबीती अपने घर वालों को सुनायी तो घरवाले इंसाफ के लिए पंचायत का दरवाजा खटखटाया. तालिबानी फैसले पर पुलिस का रवैया गुमनाम है.