
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से नेताजी सुभाष चन्द्र बोस से जुड़ी सभी फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि 70 साल बाद भी नेताजी के लापता होने का रहस्य अभी तक नहीं सुलझा है.
कोलकाता पुलिस संग्रहालय का दौरा करने के बाद ममता ने कहा, ‘ यह भविष्य का आरंभ है. लोगों को सच पता होना चाहिए. केंद्र सरकार को भी नेताजी से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करना चाहिए. हम सभी में सद्बुद्धि आए. आप सच को दबा नहीं सकते हैं. सच को सामने आने दें. यह आज नहीं तो कल सच बाहर आ ही जाएगा.’
आजादी दिलाने वाले नेताओं का सम्मान
ऐसा कहा जाता है कि केंद्र सरकार के पास मौजूद नेताजी से जुड़ी फाइलों को गोपनीय सूची से हटाने पर भारत के साथ कुछ देशों के संबंध प्रभावित होंगे. इस संबंध में सवाल करने पर ममता ने कहा, ‘ अब हमें आजादी मिल गई है. उन नेताओं को सम्मानित करने में कोई नुकसान नहीं है, जिन्होंने हमें आजादी दिलाई. हमें उन्हें सलाम करना चाहिए. फाइलों को गोपनीय सूची से हटाने से पहले हमने देखा था कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुछ ना हो. यदि किसी देश के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंध हैं तो, हमें उनकी समीक्षा करने की जरूरत है.’
देश को सच्चाई का सामना करने दें
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि हम नहीं जानते नेताजी के साथ क्या हुआ, यह दुर्भाग्यपूर्ण है. यह सवाल करने पर कि क्या कुछ छुपाने का प्रयास किया जा रहा है, उन्होंने कहा, ‘ जो अंदाजा आप लगा सकते हैं, वही मैं भी लगा सकती हूं. देश को सच्चाई का सामना करने दें. छुपाने के लिए कुछ नहीं है. आप फाइलों को गोपनीय सूची से बाहर क्यों नहीं करते.’
कानून-व्यवस्था सिर्फ बहाना
फाइलों को गोपनीय सूची से हटाने पर क्या कानून-व्यवस्था संबंधी गड़बड़ी पैदा हो सकती है, पूछने पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘ मुझे नहीं लगता कि कानून-व्यवस्था संबंधी कोई दिक्कत होगी. यह सिर्फ बहाना है. यदि कानून-व्यवस्था संबंधी कोई गड़बड़ी होती है तो उससे निपटने के लिए हम हैं.’ ममता ने शुक्रवार को दिन में ट्वीट किया था, ‘ आज ऐतिहासिक दिन है. हमारी सरकार ने नेताजी से जुड़ी सभी फाइलें सार्वजनिक कर दी हैं. जनता को देश के वीर पुत्र के बारे में जानने का हक है.’
इनपुट- भाषा