
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आगामी लोकसभा चुनाव की जंग जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती हैं. यही वजह है कि वो अभी से न सिर्फ बीजेपी के खिलाफ विपक्षी दलों की मोर्चा बंदी करने में जुटी हुई हैं, बल्कि अपने राज्य में जनता के बीच पैठ भी मजबूत कर रही हैं. हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए अभी काफी वक्त है.
तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता ने 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए अभी से कमर कस लिया है. उन्होंने विकास कार्यों को पूरा करने के लिए मंत्रियों और अधिकारियों को डेडलाइन भी दे दी है. उन्होंने अपने नौकरशाहों और मंत्रियों से सख्त लहजे में कहा कि वो विकास के प्रोजेक्टों को हरहाल में सितंबर-अक्टूबर तक पूरा करें.
दरअसल, ममता का मानना है कि इस साल के खत्म होते ही लोकसभा चुनाव किसी भी वक्त हो सकते हैं. ऐसे में विकास कार्यों को इसी साल के आखिर तक पूरा करना जरूरी है. फिलहाल उनका पूरा जोर विकास कार्यों को तेजी से करने पर है.
वो प्राइवेट बातचीत और सार्वजनिक बैठकों में कह रही हैं कि साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव को अचानक समय से पहले कराया जा सकता है. ऐसे में विकास के परियोजनाओं को पूरा करके चुनावी जंग लड़ने के लिए तैयार रहना होगा.
गुरुवार को हावड़ा में एक एडमिनिस्ट्रेटिव मीटिंग में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, 'आगामी लोकसभा चुनाव किसी भी वक्त हो सकते हैं. इसलिए अभी से तैयार रहो. मैं विकास के प्रोजेक्टों को पूरा करने में किसी भी तरह की देरी या लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करूंगी.'
उन्होंने पार्टी के सांसदों से कहा कि वो सितंबर तक अपने क्षेत्र में सांसद निधि के तहत किए गए विकास कार्यों की रिपोर्ट सौंपें. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक दीदी ने अपने नौकरशाहों और मंत्रियों से कहा कि पंचायत चुनाव में जितना समय खर्च हुआ है, उसकी भरपाई करने के लिए काम को तेजी से करें.
इससे पहले ममता बनर्जी ने कहा था कि अगर राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस सूबे की सभी सीटों को जीत लेती है, तो इससे विकास के कार्यों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी. मालूम हो कि पश्चिम बंगाल में लोकसभा की 42 सीटें हैं.
वैसे इस बार का लोकसभा चुनाव बेहद दिलचस्प होने जा रहा है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ममता बनर्जी के गढ़ पश्चिम बंगाल में सेंध लगाने की फिराक में हैं. वो आगामी लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल की 42 सीटों में से कम से कम 22 सीटें जीतना चाहते हैं. ऐसे में ममता बनर्जी के लिए अपने गढ़ को बचाने और सभी सीटों पर जीत दर्ज करने की बड़ी चुनौती है.